कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ

प्रयागराज। लालापुर में बृजेश तिवारी के यहां सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ बुधवार से शुरू हुआ। कथा से पूर्व ग्रामीण महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चों ने भव्य कलश यात्रा निकालकर गांव की परिक्रमा की, कलश यात्रा बोडेश्वर मंदिर से शुरू हुई। कलश यात्रा गांव की चतुर्दिक परिक्रमा करते हुए कथा स्थल पर समाप्त हुई। कथा वाचक आचार्य सुरेश चतुर्वेदी ने कलश जल से अभिसंचित कर कथा का शुभारंभ किया। श्रीमद्भागवत पुराण की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में भागवत कथा श्रवण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। कलयुग के प्रवेश करते ही राजा परीक्षित की बुद्धि का हरण हुआ और उन्होंने अज्ञानता वश तपस्या में लीन ऋषि के गले में सर्प डाल दिया। इस पाप से मुक्ति पाने को राजा परीक्षित ने सात दिनों तक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। कथा श्रवण से ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। बताया कि सनातन धर्म में मनुष्य को पाप कर्म और असामाजिक कृत्यों को करने से रोकने के लिए पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में अनेक प्रसंग दिए गए हैं। इन प्रसंगों के श्रवण से जीवन में सात्विकता आती है। सात्विक जीवन ही व्यक्ति को पुण्य की ओर ले जाता है और जो व्यक्ति पुण्य कर्म करता है। वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। कलयुग में केवल कथा ही मनुष्य की व्यथा दूर कर सकती है।इस दौरान ग्राम प्रधान लालापुर शंकर लाल पाण्डेय,शैलेंद्र पाण्डेय, रमाशंकर तिवारी, बबलू पाण्डेय,गोलू पाण्डेय,देवेंद्र शुक्ला, महेंद्र पाण्डेय, शैलेष तिवारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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