कब है द्विजप्रिया संकष्टी चतुर्थी? पूजा में शामिल करें ये सामग्री

हिंदू धर्म में  द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 16 फरवरी 2025, दिन रविवार को मनाई जाएगी। इस खास दिन पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।  द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा और व्रत रखते है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखते हैं। आपको बता दें कि, संकष्टी का अर्थ है जीवन के संकटों से मुक्ति। भगवान गणेश बुद्धि के सर्वोच्च स्वामी, सभी कष्टों का निवारण करते हैं। मान्यता है संकष्टी चतुर्थी का व्रत को करने से सभी लोगों बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। आइए आपको द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा सामग्री लिस्ट के बारे में बताते हैं।

पीला कपड़ा

– चौकी

– फूल

– जनेऊ

– लौंग

– दीपक

– दूध

– मोदक

– गंगाजल

– जल

– देसी घी

– 11 या 21 तिल के लड्डू

– फल

– कलश

– सुपारी

– गणेश जी प्रतिमा

इन मंत्रों का जाप करें

– वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विध्नम कुरुमेदेव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

– एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

– ऊं गं गणपतये नमः

– ऊं नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा

– ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा

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