कोरोना से बचाव का सबसे पहला उपाय है फेस मास्क पहनना, जिसकी सलाह दुनियाभर के डॉक्टर्स दे रहे हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है सही मास्क पहनना। दूसरे देशों के साथ ही अब भारत में भी ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि संक्रमण से बचाव के लिए क्लॉथ मास्क उतने असरदार नहीं।
कपड़े के मास्क के नुकसान
कपड़े के मास्क बहुत बारीक कणों को शरीर के अंदर जाने से रोक नहीं पाता। इतना ही नहीं इससे बड़े-बड़े ड्रॉपलेट्स भी अंदर प्रवेश कर जाते हैं। अमेरिकन क्रॉन्फ्रेंस ऑफ गवर्नमेंटल इंड्रस्ट्रियल हाईजीनिस्ट्स के अनुसार, कपड़े के मास्क में 75 परसेंट लीकेज होता है। रिसर्च में सामने आया है कि अगर आप कपड़े के मोटे मास्क का भी इस्तेमाल करते हैं तो भी यह मेडिकल ग्रेड मास्क जैसा सुरक्षा नहीं दे पाएगा।
एक्सपर्ट्स के विचार
सीएनएन की मेडिकल एनालिस्ट डॉ. लियाना वेन कहती हैं कि कपड़े के मास्क चेहरे की सजावट से ज्यादा और किसी काम के नहीं होते। ओमिक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच उनके लिए कोई जगह नहीं है।
वेन के अनुसार लोगों को कम से कम थ्री लेयर सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए, इन्हें डिस्पोजेबल मास्क भी कहा जाता है। ये मार्केट में आसानी से उपबल्ध हैं। आप क्लॉथ मास्क को इसके साथ भी पहन सकते हैं।
मास्क की फिटिंग है बहुत ही जरूरी
– मास्क बिल्कुल आपके चेहरे पर फिट हो जाना चाहिए वरना संक्रमण से बचाव मुश्किल है।
– मास्क के किसी भी तरफ से कोई लीकेज न हो, इसे चेक कर लें।
– मास्क आपके नाक, मुंह और चिन पूरी तरह से कवर किया होना चाहिए।
– डबल मास्क पहनना इस वक्त ज्यादा अच्छा रहेगा।
एन95 और के95 मास्क में अंतर
एक्सपर्ट्स के अनुसार एन95 और के95 मास्क एक ही होता है। फर्क केवल इसकी लाइसेंसिंग लोकेशन में आता है। अमेरिका में इस मास्क को एन95 कहा जाता है, वही चीन इसे के95 मास्क बोलता है।