बीआरसी मेजा में सैकड़ो की संख्या में पहुँचे शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति का किया जमकर विरोध प्रदर्शन व नारेबाजी।◆
मेजा: आज बीआरसी मेजा में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाओं ने विभाग द्वारा प्रेषित डिजिटाइजेशन के आदेश का विरोध किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष व ब्लॉक अध्यक्ष मेजा मनीष तिवारी ने कहा कि टैबलेट डिजिटलाइजेशन के मुद्दे पर कुछ दिन पहले शिक्षको ने एक प्रस्ताव पास किया गया था कि टैबलेट डिजिटलाइजेशन से पूर्व शिक्षक समस्याओं का निराकरण करते हुए इस व्यवस्था में संशोधन किया जाय। जिसके लेकर पूर्व में शिक्षक समस्याओं के निराकरण हेतु शासन द्वारा नियुक्त प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी एवं शिक्षक महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की 30 अक्टूबर 2023 एवं 9 नवंबर 2023 की दो चक्र में हुई वार्ता के बाद भी शिक्षको की विभिन्न समस्याओं का निराकरण अभी तक नहीं किया गया। इस आशय का शिक्षको के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सम्मानित खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश को भेजा भी गया था और संगठन के पदाधिकारियों द्वारा रजिस्ट्री भी की गई थी परंतु उस पर कोई भी कारवाई करने की बजाय हड़बड़ी में बिना शिक्षक समस्याओं का बिना संज्ञान लिए बेसिक शिक्षा विभाग में सिर्फ शिक्षको के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस का आदेश निर्गत किया गया। आज इसी कारण से इस जबरदस्ती थोपे गए आदेश से शिक्षको ने अपना विरोध ब्लॉक मुख्यालय पर इकठ्ठा होकर किया है और उन्होंने कहा कि शिक्षको ने फोन द्वारा, सोशल मीडिया एवं ट्विटर के माध्यम से अपनी जायज मांगों को सरकार से व्यक्त भी किया। जब सरकार द्वारा अपने ही कर्मचारियों की मांग को लगातार अनसुना किया जा रहा है तब शिक्षक आज ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध किया और संबंधित प्रस्ताव पर अपनी असहमति पर हस्ताक्षर भी किया। मंत्री हसीब सिद्दीकी ने कहा कि शिक्षको की जायज मांग हैं कि उन्हें भी राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार और परिस्थितिजन्य विलंब होने पर हाफ डे अवकाश की व्यवस्था दिया जाय परन्तु लगभग 8 महीने बीत जाने के बाद भी शासन द्वारा कोई ठोस करवाई नहीं हुई बल्कि जबरदस्ती उनके ऊपर ऑनलाइन अटेंडेंस थोपी जा रहा है। जिससे शिक्षक समाज दुखी है। शिक्षको को आज भी यदि अन्य कार्यक्रमों के साथ साथ अगर खुद उनकी या उनके घर में शादी हो या उनके घर में कोई कैजुअल्टी ही हो और उन्हें अवकाश की आवश्यकता हो, तो भी वे उसके लिए मेडिकल लीव लेने को बाध्य है। साथ ही विद्यालय पहुंचकर ऑनलाइन उपस्थित देने के बाद किसी शिक्षक के घर से फोन आ जाए कि माता पिता /बच्चे कि तबियत खराब हो गयी तब हॉफ डे लीव स्वीकारयता न होने के कारण कौन sa अवकाश ले? बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित उच्चाधिकारियों से आग्रह है कि शिक्षक को रोबोट समझने की बजाय उन्हें भी मनुष्य समझे और उनकी जायज मांगो का अविलंब निराकरण करें। उक्त अवसर पर प्रभारी बी.के.मिश्र, मंत्री मो हसीब सिद्दीकी, अनुराग पांडेय, संजय पटेल, संतोष अहिरवार, वीना सिंह, रामराज, अशोक तिवारी, सरिता मिश्रा, रागिनी वर्मा, संगीता चौधरी, प्रवीण दुबे, विकास पांडेय, सुरेश पटेल, प्रवीण श्रीवास्तव, सविता, वर्षा साहू, शिवानी, प्रेमशीला, प्रीति, बृजेश सिंह, सुरेश तिवारी, जगदीश मिश्र, रामशंकर पांडेय, बालाजी, सुरेंद्र कुमार, मुदित, विशाल, विनय दुबे, आशीष श्रीवास्तव, शिवभान, अखिलेश मिश्र, संतोष व अखिलेश चौधरी
आदि बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।।