एकता द्वारा “दशरथ मांझी” का मंचन: *दृढ़ संकल्प के साथ काम करने*का संदेश*

    प्रयागराज।किसी भी कार्य के प्रति पूर्ण ईमानदारी और दृढ़ संकल्प की भावना हो तो बिना किसी रुकावट के मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं।यह बात कला थियेटर मुट्ठीगंज प्रयागराज में एकता संस्था द्वारा मंचित नाटक” दशरथ मांझी” के माध्यम से कही गई
           संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से “एकता रेपर्टरी ” के अंतर्गत युवा लेखक अजीत दुबे द्वारा लिखित नाटक “दशरथ मांझी” में यह दिखाने का प्रयास किया गया कि जनहित की खातिर मुश्किल से मुश्किल काम अगर पूर्ण निष्ठा , निस्वर्थ भाव और दृढ़ संकल्प के साथ किया जाये तो बिना किसी बाधा के सफलता अवश्य मिलती है।”दशरथ मांझी ” नाटक बिहार प्रांत के गहलोर गांव के रहने वाले दशरथ मांझी नाम के एक व्यक्ति के जीवन की सच्ची घटना पर आधारित है।पहाड़ी इलाका होने के कारण आवागमन की बहुत असुविधा थी ।रास्ता खराब होने के कारण रोजमर्रा की जिंदगी बहुत मुश्किल से कट रही थी।पांच मिनट का रास्ता पचास मिनट में पूरा होता था।रास्ता के कारण ही गंभीर रूप से अस्वस्थ लोगो को सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो जाती।इन सब घटनाओं- दुर्घटनाओं को देखकर दशरथ मांझी बहुत विचलित होते थे।उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया कि वह पत्थरों को काट कर सुलभ रास्ता बनाएंगे।छेनी हतौड़ी उठाकर कर वह चल दिए पहाड़ियों को काटने।अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना वह दिन रात पहाड़ियों को काटने में लगे रहे।इस प्रकार से बाइस साल गुजर गए।आखिरकार उनको सफलता मिल ही गई।उन्होंने गांव से शहर जाने के लिए बहुत ही आसान रास्ता बना दिया।नाटक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया किया गया कि दृढ़ इक्षा शक्ति, मज़बूत इरादे के साथ असंभव काम को भी संभव बनाया जा सकता है।
              नाटक के कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं को जीवंत रूप देकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।दशरथ मांझी युवा की भूमिका में चित्तजीत मित्रा,दशरथ मांझी वृद्ध की भूमिक में उत्तम कुमार बैनर्जी, फागुनी की भूमिका में राशि पांडे, जमीदार की भूमिका मदन कुमार,पत्रकार की भूमिका में प्रतीक श्रीवास्तव ने प्रभावपूर्ण अभिनय किया।प्रकाश व्यवस्था सुजॉय घोषाल,रूप सज्जा मो. हामिद अंसारी,वस्त्र विन्यास पूनम मिश्रा, इफ्फत सईदा,नबा, सेट निर्माण वरुण कुमार,संगीत संयोजन मीना मिश्रा।मंच सामग्री राखी,रुपमा की थी।परिकल्पना एवं निर्देशन सुदीपा मित्रा ने किया।संस्था के महासचिव जमील अहमद ने संस्था की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।उमा दीक्षित, अलवीना जमील,विद्या रंजन,कार्तिकेय गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया।संस्था के अध्यक्ष रतन दीक्षित ने धन्यवाद प्रस्तुत किया।मंच संचालन रेणुराज सिंह ने किया।

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