कार्तिक एकादशी से पूर्णिता तक चलेगा 32वां राष्ट्रीय रामायण मेला
ज्योतिश पीठाधीश्वर जगतगुरू वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज करेंगे शुभारंभ
लालगोपालगंज/ प्रयागराज । देश की प्रसिद्ध पौरांणिक एवं धार्मिक स्थली तथा महान तपस्वमी ऋषि श्रृंग की तप भूमि श्रृंगवेरपुर धाम के गंगा तट पर पांच दिवसीय 32वां राष्ट्रीय रामायण मेला का आयोजन होगा। कार्तिक शुल्क पक्ष देवोत्थान एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक चलने वाले मेला का शुभारंभ बद्रिकाश्रम हिमालय के जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्व्ती जी महाराज करेंगे। पांच दिनों तक संत महात्माओं का प्रवचन और विभन्नि विभागों द्वारा प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।
रामायण मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष एडवोकेट डॉ. बालकृष्ण पांडेय नें बताया कि प्रथम दिन 15 नवंबर सोमवार को मां गंगा और शांता श्रृंगी ऋषि का पूजन के पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय रामायण मेला का उद्घाटन एवं स्मारिका दर्शन का लोकार्पण। दूसरी बेला में केन्द्र व राज्य सरकारों के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन। 16 नवंबर मंगलवार को बृहद साक्षरता एवं जागरूकता सम्मेलन एवं क्षेत्रीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा श्रीराम चरित मानस पर आधारित प्रतियोगिता व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति। 17 नवंबर बुधवार को पत्रकार समागम, विभिन्न पद्यति द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन तथा रात्र आठ बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा का आयोजन। 18 नवंबर गुरूवार को कृषि ग्रामीण एवं विकास सम्मेलन, गंगा स्वच्छता जागरूकता सम्मेलन व संस्कृत सम्भाषण का आयोजन। 19 नवंबर शुक्रवार को विद्वत सम्मेलन के साथ रामायण मेला का समापन होगा। संचालन कार्यालय प्रभारी अमित द्विवेदी ने किया।
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