पाकिस्तान की अदालत से ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किए गए चीनी नागरिक को राहत नहीं मिली है। अब अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी जानकारी दी गई है। वहीं चीन ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा है कि वह इस रिपोर्ट की पुष्टि कर रहा है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि कल यानी सोमवार को अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ईशनिंदा के आरोप में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने रविवार को तियान के रूप में पहचाने गए चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण सोमवार को उसे सेना के एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से एबटाबाद स्थानांतरित कर दिया था। दरअसल, पुलिस को डर था कि स्थानीय लोग उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
पुलिस ने कहा था कि ऊपरी कोहिस्तान जिले में पाकिस्तान की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना दसू में काम कर रहे चीनी प्रबंधक ने शुक्रवार को कथित रूप से ईशनिंदा की थी। दसू पुलिस थाने के अधिकारी नसीरुद्दीन का कहना है कि आरोपी के ड्राइवर ने केस दर्ज कराया था। आरोपी के खिलाफ पाकिस्तानी दंड सहिंता की धारा 265 सी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा परियोजना पर काम कर रहे सैकड़ों निवासियों और मजदूरों ने राजमार्ग पर चक्का जाम कर दिया और गिरफ्तारी की मांग करते हुए रैली निकाली। गौरतलब है कि पाकिस्तान के सख्त ईशनिंदा कानून के तहत इस अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।
चीन ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, इस मामले में चीन ने भी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि वह इस जानकारी की पुष्टि कर रहा है कि उसके एक इंजीनियर को पुलिस ने रविवार को एक समूह द्वारा उकसाए गए भीड़ के हमले के बीच गिरफ्तार किया था। भीड़ ने उस पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान में चीनी दूतावास जानकारी की पुष्टि कर रहा है। चीनी सरकार हमेशा विदेशों में चीनी नागरिकों को मेजबान देशों के कानूनों और नियमों का पालन करने और स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करने के लिए कहती है। अगर घटना में चीनी नागरिक शामिल हैं, तो हमारा दूतावास अपने कर्तव्य के दायरे में कांसुलर सुरक्षा और सहायता प्रदान करेगा। यह एक ऐसी घटना हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकती है।