ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने रविवार को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करने के लिए ‘‘प्रतिरोध बजट’’ की घोषणा की। उन्होंने यह ऐलान ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के हफ्तों बाद किया। रुहानी ने कहा कि प्रतिरोध बजट का मकसद लोगों की मुश्किलों को कम करना है जो ईरान आर्थिक मंदी की वजह से झेल रहे हैं क्योंकि ईरानी मुद्रा के अवमूल्यन से महंगाई दर आसमान छू रही है और आयात की लागत बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि ईरान परमाणु करार को लेकर हुए विवाद के बाद अमेरिका ने पिछले साल मई में तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इसमें ईरानी अर्थव्यवस्था के लिए अहम तेल क्षेत्र भी शामिल है और अमेरिका की कोशिश ‘‘अधिकतम दबाव’’ की नीति के जरिये ईरान के तेल निर्यात को शून्य पर लाना है।रुहानी ने संसद को बताया कि बजट में सार्वजनिक उपक्रम के कर्मियों के वेतन में 15 फीसदी की वृद्धि भी शामिल है और यह प्रतिरोध और प्रतिबंधों से रक्षा के लिए बजट है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया को बताएगा कि प्रतिबंध के बावजूद हम देश चलाने में सक्षम हैं खासतौर पर तेल के मामले में। रुहानी ने कहा कि 4,845 खरब रियाल (मौजूदा विनिमय दर के मुताबिक 36 अरब डॉलर) का बजट ईरान के लोगों को मुश्किल से निकलने में मदद करेगा।
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