इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं की बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की पत्रावली की तलब

लाहाबाद हाई कोर्ट ने बदायूं की भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर जिला निर्वाचन अधिकारी से पत्रावली तलब की है। 17वीं लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र यादव ने संघमित्रा मौर्या के विरुद्ध चुनाव याचिका दाखिल की है। अब याचिका की सुनवाई अब चार नवंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और दिनेश कुमार की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने धर्मेंद्र यादव के अधिवक्ता नरेंद्र कुमार पांडेय की ओर से दाखिल गवाहों की सूची रिकॉर्ड के साथ पेश करने का आदेश दिया है। संघमित्रा की तरफ से अधिवक्ता उदय नंदन ने कहा कि वह बचाव में कोई गवाह पेश नहीं करना चाहती हैं।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रत्याशी दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से निरस्त किया गया है। यदि त्रुटि थी तो स्क्रूटनी के समय सुधारने का मौका देना चाहिए था। दूसरे कुल पड़े वोट से आठ हजार वोट अधिक गिना गया है, जिसका कोई लेखा नहीं है। तीसरे संघमित्रा मौर्या ने अपने पति की स्थिति व संपत्ति का ब्योरा हलफनामे में नहीं दिया है। चुनाव नामांकन पत्र में पति के बजाय अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिखा है, जबकि अभी तक तलाक नहीं हुआ है। याचिका की सुनवाई चार नवंबर को होगी। बता दें कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने बदायूं लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद संघमित्रा मौर्या के चुनाव के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की है। संघमित्रा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। 17वीं लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की बदायूं सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी रहीं संघमित्रा मौर्य ने समाजवादी पार्टी के सांसद एवं गठबंधन प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को 18454 वोटों से शिकस्त दी थी।

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