प्रयागराज। देश के लिए सबसे बड़ा चैलेन्ज खड़ा हो गया है कि प्राचीन मंदिरों के निर्माण के दौरान नींव में किस तकनीकी का उपयोग किया गया है। इस पर आजादी के 70 वर्ष बाद में भी किसी वैज्ञानिक ने नहीं अध्यन नहीं किया। उक्त बातें मंगलवार को विहिप के प्रान्त कार्यालय केशर भवन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कही।
उन्होंने कहा कि मंदिर के नीव निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है आईटी दिल्ली, गोहाटी, चेन्नई, मुम्बई, एनआईटी सूरत, सीबीआरआई रूड़की, टाटा लारशन ने कार्य शुरू कर दिया है। अबतक चले मन्थन वैज्ञानिका लिखित सुझाव भी प्राप्त हो चुका है। अब चार विषयों पर गहन विचार किय जा रहा है। सर्यू नदी से मंदिर की सुरक्षा, जमीन के नीचे भुरभुरी बालू मिली है। उस पर नींव की पकड़ कैसे मजबूत हो सके। पत्थर की आयु 1000 वर्ष की होती है। लाल किला, ताजमहल, रमेश्वर, सहित अन्य प्राचीन मंदिरों की नींव में किस तकनीकी का उपयोग किया है जो अबतक मजबूत है। जबकि सीमेन्ट एवं कन्क्रीट की उम्र लगभग 150 से अधिक नहीं है। देश के लिए चैलेंजिंग विषय है कि मंदिरों य प्राचीन इमारतों के निर्माण किस तकनीकी का प्रयाग किया गया इस पर अबतक आजादी के 70 वर्ष बाद किसी ने अध्ययन ही नहीं किया है।
मकर संक्रान्ति से शुरू होगा विश्व् का सबसे बड़ा जनसम्पर्क अभियान
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि विहिप मकर संक्रान्ति से विश्व में अबतक का सबसे बड़ा जन सम्पर्क अभियान शुरू करेगा। देश के किसी सामाजिक संगठन ऐसा अभियान नहीं चलाया है। देश के पांच लाख से अधिक गांव जो 12 करोड़ 25लाख घरों तक कार्यकर्ता जांएगे। काशी प्रान्त के मीरजापुर, रावट्सगंज, चन्दौली, वाराणसी, अमेठी, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, कौशाम्बी, प्रतापगढ़ में कुल 16 हजार गांव जिसमें पचास लाख परिवरों से सम्पर्क किया जाएगा। परिवरों सम्पर्क के लिए समाज के बीच से प्रत्येक परिसर से तीन व्यक्ति सम्पर्क करेंगे। ढाई करोड़ की आवादी से सामाजिक जन सम्पर्क में सरकारी मशीनरी का उपयोग नहीं होगा। हालांकि सरकार से जुड़े हुए व्यक्ति हो सकते है। लेकिन सरकारी तन्त्र का उपयोग नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारो से सहमत ऐसे 36 संगठन जनसम्पर्क अभियान में जुड़ेंगे। यह अभियान रविदास जयन्ती को समाप्त हो जाएगा। 31वर्षो तक कष्ट झेला है समाज का प्रत्येक व्यक्ति भागीदारी करेंगे। राम जन्म भूमि हिन्दुस्तान की अस्मिता से जुड़ा है। देश के गौरव एवं हिन्दुस्तान के पुनर प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रत्येक परिवर से तीन कार्यकर्ता टोलिया बनाकर जाएंगे जो राम जन्म भूमि का इतिहास बताएंगे और स्वाभाविक रूचि है, भगवान के प्रति समर्पित करेगा वह उसकी स्वेच्छा पर है। समाज का समपर्ण से जो प्राप्त होगा। उसे बैंक में कार्यकर्ता जमा करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए तीन बैंकों का चयन किया गया है। जिसमें स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक आफ बड़ौदा। कार्यकर्ता अपने निकटतम बैंक में 48 घंटे के अन्दर जमा करेंगे। बैंक भी इस तरह की तैयारी कर रहा है कि कहीं कोई गलती न होने पाए। जिससे कहीं कोई चूक हो सके। ट्रस्ट का नाम लिखने में कोई त्रूटि न हो इसके लिए भी तैयारी की जा रही है। मंदिर का चित्र बना हुआ कूपन भी दिया जाएगा। 10,100,1000 के कूपन दिऐ जाऐगे। इससे अधिक समपर्ण करने वालों को चेक से भुगतान करना पड़ेगा और उसकी रसीद भी दी जाएगी। इसके साथ प्रत्येक परिवार में मंदिर का चित्र भी पहुंचेगा। इसी तरह देश के सभी प्रान्तों में कार्यकर्ता काम करेंगे। इस कार्य में संत समाज भी जनसम्पर्क करने के लिए समाज के बीच में जाएगें। साधु एवं सन्तों का पूरा सहयोग मिल रहा है।
प्रत्येक जिल में ही होगा धनसग्रह का आडिट
श्री राम जन्मभूति तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए जो भी समर्पण समाज से मिलेगा। उसका आडिट सीए के द्वारा कराया जाएग। प्रत्येग जिले से आडिट होने के बाद ही धन आगे जाएगा। समाज मे जागरूकता लाने के लिए समाचार पत्रों में भी विज्ञापन के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इतना ही सोशल मीडिया से भी प्रचार किया जा रहा है। देश के 80 समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है। दुनिया का सबसे बड़ा अभियान आसरकारी संगठन और असरकारी है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट संग्रह अभियान का काशी प्रांत का कार्यालय का शुभारंभ आज केसर भवन में चंपत राय जी की उपस्थिति में हुआ आचार्य मोहित ने वेद मंत्रों द्वारा पूजन करा कर कार्यालय का संचालन प्रारंभ हुआ इस अवसर पर आर.एम. गोयल, राकेश सिंह सेंगर, अनिल पांडे, अजय गुप्ता, सुरेश अग्रवाल, अनिल सिंह, सुनील सिंह, अमित पाठक, सुशील राय, अनूप मिश्रा पार्षद, शिवम द्विवेदी, नवीन जायसवाल, अभिषेक पाठक आदि उपस्थित रहे।