उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को अपने पूर्वी समुद्री तट की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी। दक्षिण कोरियाई सेना के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने अमेरिका द्वारा क्षेत्र में अपने सहयोगियों (दक्षिण कोरिया और जापान) की सुरक्षा को लेकर दृढ़ प्रतिबद्धता जताने के जवाब में कड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू करने की धमकी देने के कुछ घंटों बाद यह कदम उठाया।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा, उन्हें उत्तर कोरिया के एक और मिसाइल का परीक्षण किया है। मिसाइल ने करीब 240 किमी (149 मील) की उड़ान भरी और मैक 4 की गति से 47 किमी की ऊंचाई तक पहुंच गई। इस लॉन्चिंग की अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया समेत संयुक्त राष्ट्र ने भी कड़ी निंदा की है।
इससे पहले, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने बृहस्पतिवार को चेताया था कि प्योंगयांग के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान का हालिया शिखर सम्मेलन कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त तनाव को अधिक अप्रत्याशित बना देगा। चो का बयान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के उनके दक्षिण कोरियाई और जापानी समकक्षों के साथ हाल ही में किए गए त्रिपक्षीय सम्मेलन पर उत्तर कोरिया की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया थी।
सम्मेलन के बाद तीनों नेताओं ने एक साझा बयान जारी करते हुए प्रायद्वीप में प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी। बाइडन ने एटमी हथियारों समेत अन्य सभी सैन्य उपायों के जरिये दक्षिण कोरिया और जापान की रक्षा की अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया था।
अमेरिका को पछताना पड़ेगा : उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन ह्यू ने कहा, अमेरिका अपने सहयोगियों को जितनी मदद की पेशकश करेगा और वे कोरियाई प्रायद्वीप में जितनी अधिक उकसावे वाली सैन्य गतिविधियां संचालित करेंगे, उत्तर कोरिया की जवाबी कार्रवाई उतनी ही कड़ी होगी। चो ने चेताया, यह अमेरिका और उसके इशारे पर चलने वाली ताकतों के लिए अधिक गंभीर, यथार्थवादी और अपरिहार्य खतरा पैदा करेगा। उन्होंने कहा, अमेरिका अच्छी तरह से जानता होगा कि वह ऐसा दांव लगा रहा है, जिसके लिए उसे निश्चित रूप से पछताना पड़ेगा।