अमृत भारत स्टेशन योजना के बारे में संसद में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए माननीय रेल मंत्री ने कहा, रेल मंत्रालय ने हाल ही में अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। इस योजना में मास्टर प्लान तैयार करना और चरणों में उनका क्रियान्वयन करना शामिल है, ताकि स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार हो सके, जैसे स्टेशन तक पहुंच में सुधार, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट/एस्केलेटर, साफ–सफाई, मुफ्त वाई–फाई, ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामित स्थान, भूनिर्माण आदि। प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों ओर से जोड़ना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, आवश्यकतानुसार बैलस्टलेस ट्रैक आदि का प्रावधान, चरणबद्ध और व्यवहार्यता और दीर्घ अवधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर का निर्माण करना शामिल है। अब तक, क्षेत्रीय रेलवे, प्रमुख शहरों और कस्बों में स्थित स्टेशनों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर इस योजना के तहत 1324 स्टेशनों का चयन किया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना सहित स्टेशनों के विकास और रखरखाव के लिए निधियों के आवंटन का विवरण योजना शीर्ष–53 ‘ग्राहक सुविधाएं‘ के अंतर्गत क्षेत्रीय रेलवे–वार रखा जाता है, न कि स्टेशन–वार, जिला–वार या राज्य–वार। चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 के लिए क्षेत्रीय रेलवे को योजना शीर्ष–53 के अंतर्गत आवंटित कुल धनराशि ₹ 15510.75 करोड़ है। भारतीय रेलवे भारत सरकार के “सुगम्य भारत मिशन” या ‘सुगम्य भारत अभियान‘ के हिस्से के रूप में अपने रेलवे स्टेशनों को विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजन) के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय रेलवे स्टेशनों की पहुंच के लिए दिशा–निर्देश भारत के आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किए गए हैं। इन दिशा–निर्देशों में दिव्यांगजनों से संबंधित सुविधाओं जैसे प्रवेश रैंप, सुलभ पार्किंग, कम ऊंचाई वाले टिकट काउंटर/सहायता बूथ, शौचालय, पेयजल बूथ, रैंप/लिफ्ट के साथ सब–वे/फुट ओवर ब्रिज, ब्रेल साइनेज सहित मानक साइनेज और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्पर्शनीय मार्ग आदि के प्रावधान शामिल हैं। भारतीय रेलवे पर दिव्यांगजनों के लिए विकास कार्य सहित स्टेशनों का उन्नयन/आधुनिकीकरण और कमीशनिंग एक सतत और जारी प्रक्रिया है और इस संबंध में कार्य आवश्यकतानुसार किए जाते हैं, जो पारस्परिक प्राथमिकता और धन की उपलब्धता के अधीन होते हैं। इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों का विकास/पुनर्विकास/उन्नयन जटिल प्रकृति का है, जिसमें यात्रियों और ट्रेनों की सुरक्षा शामिल है और इसके लिए अग्नि मंजूरी, विरासत, पेड़ों की कटाई, हवाई अड्डे की मंजूरी आदि जैसी विभिन्न वैधानिक मंजूरी की आवश्यकता होती है। ब्राउन फील्ड से संबंधित चुनौतियों जैसे कि उपयोगिताओं (पानी/सीवेज लाइनों, ऑप्टिकल फाइबर केबल, गैस पाइप लाइनों, बिजली/सिग्नल केबल आदि) का स्थानांतरण, उल्लंघन, यात्रियों की आवाजाही में बाधा डाले बिना ट्रेनों का संचालन, उच्च वोल्टेज बिजली लाइनों के करीब किए गए कार्यों के कारण गति प्रतिबंध आदि के कारण प्रगति प्रभावित होती है और ये कारक पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं। इसलिए, इस स्तर पर कोई समय सीमा नहीं बताई जा सकती है।
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