अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अफगानिस्तान में लड़कियों की माध्यमिक विद्यालय में उपस्थिति पर प्रतिबंध लगाए जाने से दुखी है। हैरिस ने ट्विटर पर कहा, दुनिया भर की लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों के लिए अमेरिका अपना समर्थन करना बंद नहीं करेगा। अमेरिका पहले भी अफगान महिलाओं की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त कर चुका हैं।
बता दें कि, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने 6 से 12 तक की छात्राओं को अपनी कक्षाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हिंसा का सामना कर रही अफगानिस्तान की महिलाओं के साथ अमेरिका खड़ा है। वहीं, अमेरिका के उप विदेश मंत्री ने भी तालिबान से महिलाओं और लड़कियों को अपने बुनियादी मानवाधिकारों का प्रयोग करने की अनुमति देना का आह्वान किया।
महिलाओं का अधिकारी आंतरिक मुद्दा: तालिबान
तालिबान के अनुसार, महिलाओं के अधिकार अफगानिस्तान का एक आंतरिक मुद्दा है और विदेशी देशों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, उन्हें अफगानिस्तान के संबंध में अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।
ब्रिटेन के पीएम सुनक ने जताई चिंता
इससे पहले पीएम ऋषि सुनक ने ट्वीट किया था कि बेटियों के पिता के रूप में, मैं ऐसी दुनिया की कल्पना नहीं कर सकता जिसमें उन्हें शिक्षा से वंचित रखा गया हो। अफगानिस्तान की महिलाएं इस दुनिया को बहुत कुछ दे सकती हैं। उन्हें विश्वविद्यालय तक पहुंच से वंचित करना एक गंभीर कदम है। हम तालिबान को उनके कार्यों से आंकेंगे।
अमेरिका ने पहले भी की निंदा
अमेरिका ने विश्वविद्यालयों में महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने, माध्यमिक विद्यालयों को लड़कियों के लिए बंद रखने और अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर अपने मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का प्रयोग करने के लिए अन्य प्रतिबंध लगाने के लिए तालिबान के अनिश्चित निर्णय की निंदा की। प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि पिछले मार्च में लड़कियों के लिए माध्यमिक स्कूलों को बंद करने के तालिबान के फैसले का तालिबान प्रतिनिधियों के साथ हमारे जुड़ाव पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था कि स्कूल फिर से खुलेंगे।
उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उच्च शिक्षा मंत्रालय ने एक पत्र में अगली घोषणा तक अफगानिस्तान में छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दे दिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार, तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और बुनियादी अधिकारों को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने वाली नीतियां लागू कीं, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ।