प्रयागराज। अपराध निरोधक समिति की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक रविवार को आर्य कन्या इंटर कॉलेज सभागार में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता पंकज जायसवाल चेयर पर्सन आर्य कन्या पीजी कॉलेज ने किया। समीक्षा बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश सचिव अपराध निरोधक समिति लखनऊ कमलेश श्रीवास्तव रहे। मुख्य अतिथि ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये अतिथियों को सम्बोधित करते हुए सवाल किया कि अपराध निरोधक कमेटी क्या है ? तत्पश्चात विस्तार पूर्वक इस सवाल को परिभाषित भी किया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अपराध की कोई परिभाषा ऐसी नहीं हो सकती जो हर समय हर स्थान पर लागू हो सके। इसी प्रकार अपराध नियंत्रण का कार्यक्रम भी हर समय व हर स्थान के लिए एक नहीं हो सकता। जैसे अपराध सीमित नहीं है तथा अपराध नियंत्रण का कार्य क्षेत्र भी सीमित नहीं है। अपराध साधारणतः निर्धारित व्यवस्था का उल्लंघन है और इस निर्धारित व्यवस्था को बनाए रखने के प्रयत्न को अपराध नियंत्रण कहते हैं।समिति के सदस्यों द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इसी अपराध पर नियंत्रण करने की पूरजोर कोशिश की जा रही है, जो पुलिस के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलेगी।
प्रदेश सचिव ने कमलेश ने कहा कि अपराध निरोधक समिति स्वयं तथा जनपदों में स्थापित अपनी अपराध निरोधक कमेटियों के द्वारा अपराध नियंत्रण के पुनीत कार्य को, जिसमे मुक्त दन्दियों तथा गिरे हुए स्त्री पुरुषों का पुनर्वास व उत्थान भी शामिल है
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पंकज जायसवाल ने कहा कि समिति के उद्देश्य तो बहुत हैं जो विधान में विस्तार से दिए गए हैं जिन सबका अर्थ अपराध विहीन समाज की स्थापना है वास्तव में पूर्ण प्रप्ति अपराध विहीन समाज तो कभी नहीं रहा और न कभी रह सकता है परन्तु हमारे प्रयत्नों से अपराधों की जितनी भी कमी हो सके उतनी हमारे लक्ष्य की सफलता है।
संतोष कुमार सचिव जिला अपराध समिति प्रयागराज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी कार्य विधि जनपद, तहसील ब्लाक याना तथा मोहल्ला स्तर पर अपराध निरोधक कमेटियों का निर्माण करके उनके द्वारा अपराध के विरुद्ध प्रचार करना, समाज में ऐसी स्थिति लाना जिस में अपराध के प्रति घृणा उत्पन्न हो तथा अपराध करने के अवसर कम से कम हों। अधिक अपराध ग्रस्त स्थानों की स्थिति का अध्ययन करके तथा आम तौर पर होने वाले अपराधों के कारण पता लगा कर उनमें फंसे हुए अपराधियों के सुधार का प्रयत्न करना, अपराध नियंत्रण हेतु विचार गोष्ठियों का आयोजन करना तथा शासन व जनता को अपराध नियंत्रण सम्बन्धी सुझाव देना है।
ये इतना महान कार्य है जो केवल शासन या केवल समाजसेवी संस्थाओं द्वारा नहीं हो सकता इसके लिए शासन प्रबन्ध तथा समाजसेवी संस्थाओं का गहरा परस्पर सहयोग बहुत आवश्यक है। पुलिस, शासन-प्रशासन वन्दी गृह तथा प्रोवेशन जो सुधारक शासन प्रबन्ध के अंग है. इनमें भी आपस में सुधार की दृष्टिकोण से तालमेल होना चाहिए। शासन तथा समाज दोनों पर अपराध विहीन व्यवस्था को बनाए रखने का दायित्व है इसीलिए शासन के इन अंगों का समाजसेवी संस्थाओं के कार्यक्रम में समन्वय होना जरूरी है। प्रदेश स्तर से मुहल्ला स्तर तक विभिन्न स्थानों पर सुधार शासन प्रवन्ध तथा समाज सेवकों द्वारा समय समय पर विचार गोष्ठियां बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
अपराध निरोधक कमेटियों के समस्त सदस्यों तथा अपराध नियंत्रण के क्षेत्र के सभी सरकारी व गैर सरकारी व्यक्तियों से निवेदन है कि वह इस महत्वपूर्ण कार्य में यथा- शाक्ति योगदान है। इस अवसर पर समिति के सभी पदाधिकारी सदस्य उपस्थित रहे।