अनुगूंज में गूँजे भोपाल के सरकारी स्कूल के विद्यार्थी

शिक्षा के जरिए कला का विकास कैसे किया जाए इसको लेकर मध्यप्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग अनुगूंज नाम से शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थीयों के लिए कार्यक्रम करवा रहा है। जिसका शुभारंभ बुधवार 08 जनवरी 2020 को भोपाल के रविन्द्र भवन में हुआ। मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अंनुगूंज का स्लोगन इस बार कला से समृद्ध शिक्षा रखा गया था। इस सांस्कृतिक आयोजन में भोपाल जिले के विभिन्न शासकीय शालाओं के लगभग 500 से अधिक विद्यार्थीयों ने सहभागिता की।

आयोजन में पहले दिन 08 जनवरी को भोपाल के 10 शासकीय विद्यालयों की लगभग 100 छात्राओं ने भरतनाट्यम नृत्य (मल्हारी) की प्रस्तुति दी। जिसके लिए मध्यप्रदेश शिखर सम्मान से सम्मानित नृत्य गुरू डॉ. लता सिंह मुंशी ने इन छात्राओं को प्रशिक्षित किया था। तो दूसरी ओर अंतररार्ष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ओडिसी नृत्यांगना सुश्री बिंदु जुनेजा के मार्गदर्शन में 10 स्कूलों की 70 छात्राओं ने ओडिसी नृत्य के माध्यम से मंगलम्, मातृभूमि वंदना, नारायण नमन के रूप में प्रस्तुत नृत्य में सर्वमंगल कामना के साथ, मातृभूमि और ईश आराधना के साथ ताल और लय के साथ प्रस्तुति दी। इस ओडिसी नृत्य में भारतीय संस्कारों को प्रस्तुत किया गया।

इसी के साथ पंचु नांडव (मयूरभंज छाऊ नृत्य) जो शारीरिक लोच और अपने विशेष बॉडी मूवमेंट के लिए प्रसिद्ध है कि प्रस्तुति भोपाल के 5 स्कूलों के लगभग 45 छात्रों ने दी। जिसमें पांडवों के युद्धाभ्यास को देखकर गुरू द्रोणाचार्य की प्रसन्नता और उन्हें आशीर्वाद देने के दृश्य है जिसमें पांडव गुरू का आशीर्वाद पाकर सैनिकों के साथ खुशियां मनाते दिखे। जबकि एकाकार नृत्य में भरतनाट्यम, कथक और लोकनृत्य शैलियों का फ्यूजन करती इस संयुक्त प्रस्तुति में लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने एक साथ मिलकर प्रस्तुत किया। जिसे सुश्री श्वेता देवेन्द्र, सुश्री क्षमा मालवीया और मिलिंद दाभाडे ने अपने मार्गदर्शन में तैयार करवाया था। तो प्रसिद्ध संगीत निदेशक और म्यूजिक प्रोडक्शन तथा साउंड डिजाइनिंग में कई वर्षों से कार्य कर रहे श्रुति और धर्मेश ने 16 शासकीय शालाओं के 90 विद्यार्थीयों को प्रशिक्षित किया जिन्होनें स्वर नांदी में अपनी प्रस्तुति दी जबकि पंचनाथ में 8 स्कूलों के 20 छात्र-छात्राओं ने वाद्य संगीत की प्रस्तुति दी।

वही दूसरे दिन 09 जनवरी को नाट्य प्रस्तुति के रूप में कल्पना लोक की कहानीयों को मंच पर  पीली पूछ नाट्य के रूप में प्रस्तुत किया गया जिसे अलग-अलग स्कूलों के 70 विद्यार्थी ने मिलकर मंचित किया। इसके अलावा बाल रंगमंच विशेषज्ञ और प्रसिद्ध रंगकर्मी और निर्देशक के.जी. त्रिवेदी के मार्गदर्शन में तैयार एक नेक दिल सफेद हाथी की कहानी का नाट्य रूपांतरण गजमोक्ष की प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें लगभग 50 विद्यार्थी ने सहभागिता की।

अनुगूंज कार्यक्रम की अलग-अलग प्रस्तुतियों के लिए विद्यार्थीयों को प्रशिक्षित करने का जिम्मा डॉक्टर लता सिंह मुंशी, सुश्री बिंदु जुनेजा, सुश्री श्वेता देवेंद्र, सुश्री क्षमा मालवीय, मिलन दाभाड़े, दयानिधि मोहंता, उपेंद्र मोहंता, सुश्री श्रुति, धर्मेश, मॉरिस लाज रस, के.जी. त्रिवेदी, सौरभ अनंत और अनूप जोशी ने उठाया। यह कार्यक्रम दो दिन तक भोपाल के रविन्द्र भवन ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ।

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