India Out नीति हमने कभी नहीं अपनाई, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बदले सुर

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव में ‘इंडिया आउट’ के किसी भी अजेंडे से इनकार किया और कहा कि हमने कभी भी इस नीति का पालन नहीं किया है। उन्होंने यह जरूर कहा कि हमारे द्वीप देश में विदेशी सेना की मौजूदगी गंभीर समस्या थी। मुइज्जू ने ये बातें भारत दौरे के कुछ समय पहले कही हैं। मालदीव के समाचार पोर्टल adhadhu.com से बातचीत में मुइज्जू ने कहा, हमने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गलत कमेंट करने वाले अपने नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। हमारी सरकार ने इसलिए भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने का आदेश दिया कि हमारे देश के लोग विदेशी सैनिक अपनी जमीन पर नहीं चाहते हैं।पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक रुख के लिए मशहूर मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव काफी बढ़ गया था। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। समय के साथ भारत और मालदीव के बीच तनाव में कमी देखी गई, क्योंकि जून में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में मुइज्जू को आमंत्रित किया गया था। मुइज्जू ने पड़ोसी देश भारत के साथ संबंधों को बनाए रखने और मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी जताई थी और इसे द्वीपसमूह राष्ट्र के सबसे करीबी सहयोगियों और अमूल्य भागीदारों में से एक बताया था।चीन के करीबी मुइज्जू को अब सत्ता संभालने के बाद धीरे धीरे भारत की अहमियत समझ में आने लगी है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इस यात्रा को रिश्तों में कड़वाहट के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। 7-9 अक्टूबर के दौरान द्विपक्षीय यात्रा के लिए भारत में रहने वाले हैं। नाम न बताने की शर्त पर ऊपर बताए गए लोगों ने बताया कि मोदी सहित भारतीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठकें 8 अक्टूबर को निर्धारित हैं।

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