G7 नेताओं का इस अंदाज में मेलोनी ने किया स्वागत, इस बार क्या है सम्मेलन का एजेंडा

सात देशों का समूह (जी7) देश 13 से 15 जून के बीच इटली के अपुलीया क्षेत्र में नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए एकट्ठा हो रहे हैं। इटली, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ जटिल वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया

शुरू हुआ नेताओं का आगमन

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने 50वें G7 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का स्वागत किया। इटली की राष्ट्रपति जियोर्जिया मेलोनी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल का स्वागत किया। वे 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे हैं। सेवेलेट्री डि फसानो: इटली की राष्ट्रपति जियोर्जिया मेलोनी ने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का स्वागत किया, जब वे 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे। इटली की राष्ट्रपति जियोर्जिया मेलोनी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल का स्वागत किया। वे 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे हैं। सेवेलेट्री डि फसानो: इटली की राष्ट्रपति जियोर्जिया मेलोनी ने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का स्वागत किया, जब वे 50वें जी7 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की बृहस्पतिवार को इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। जी7 समूह के सदस्य देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि जब्त की गयी रूसी संपत्तियों से प्राप्त 50 अरब अमेरीकी डॉलर की सहायता राशि यूक्रेन को किस तरह प्रदान की जाए। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को इटली की यात्रा करेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बुधवार को कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा। इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है।

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