उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि चुनाव आयोग और जांच एजेंसियों सहित संस्थाएं कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का पालन करती हैं। जगदीप धनखड़ का ये बयान तब आया है जब उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा टिप्पणी एक टिप्पणी में कहा गया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी संस्थाएं जैसे चुनाव आयोग और जांच एजेंसियां- अपना कर्तव्य निभाती हैं। यह एक राजनीतिक बहस खड़ी कर सकता है और एक कथा को गति दे सकता है। हमें सचेत रहना होगा क्योंकि वे मजबूत हैं और अलग-अलग तरीकों से काम कर रहे हैं। वे कानून के शासन के तहत काम करते हैं।’ जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य के सभी अंगों का एक ही उद्देश्य है कि आम आदमी को सभी अधिकार मिलें और भारत फले-फूले तथा समृद्ध हो। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों और आगे के संवैधानिक आदर्शों को पोषित एवं पुष्पित करने के लिए मिलकर एकजुटता से काम करने की जरूरत है। इन पवित्र मंचों – विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – को राजनीतिक भड़काऊ बहस का बिंदु न बनने दें क्योंकि यह चुनौतीपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में भी देश की अच्छी सेवा करने वाले संस्थानों के लिए हानिकारक है। उन्होंने संस्थाओं का जिक्र करते हुए निर्वाचन आयोग और जांच एजेंसियों का जिक्र किया। उनका विचार था कि संस्थाएँ कठिन परिस्थितियों में अपना कर्तव्य निभाती हैं और टिप्पणियाँ उन्हें ‘‘हतोत्साहित’’ कर सकती हैं। धनखड़ ने कहा कि यह एक राजनीतिक बहस को जन्म दे सकता है और एक विमर्श को गढ़ सकता है। हमें अपने संस्थानों के बारे में बेहद सचेत रहना होगा। वे मजबूत हैं, वे कानून के शासन के तहत स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं और वहां उचित नियंत्रण एवं संतुलन है।
CBI को पिंजरे का तोता बताने पर SC को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दे दी नसीहत
