Bangladesh में भी दिखा श्रीलंका जैसा नजारा, PM हाउस से प्रदर्शनकारी सोफा-कुर्सी उठा ले गए

बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और सोमवार को देश छोड़ दिया है। सेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरिम सरकार के गठन किए जाने की भी बात कही है। चैनल 24 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सोमवार दोपहर शेख हसीना के आधिकारिक आवास पर धावा बोल दिया। टीवी छवियों में सैकड़ों लोगों को इमारत में तोड़फोड़ करते और चिकन, मछली और सब्जियाँ ले जाते हुए दिखाया गया है। इसके साथ ही आवामी लीग के ऑफिस को भी आग के हवाले कर दिया गया।

प्रदर्शकारियों ने शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति तोड़ दी है। मुजीबुर रहमान ने भारत के सहयोग से 1971 में पाकिस्तानी जुर्म का मुकाबला किया और फिर बांग्लादेश के रूप में एक आजाद मुल्क की स्थापना करवाई। हालांकि, इतना बड़ा काम करने के बावजूद मुजीबुर रहमान को लेकर बांग्लादेश की आवाम का एक तबका हमेशा से उनके खिलाफ रहा। प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो चुके हैं कि उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर हथौड़े चलाए।

पूर्व विदेश सचिव और बांग्लादेश के पूर्व राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला से पूछा गया कि क्या हसीना भारत में रहेंगी तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए ये कहना मुश्किल है. ध्यान रखें कि शेख हसीना 1975 से लेकर लगभग 1979 तक यहीं थीं जब वह अपने पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद अपने देश वापस चली गईं। भारत ने कभी भी हमारे पड़ोस में रहने वालों को सुरक्षित आश्रय या शरण देने से इनकार नहीं किया है। लेकिन मेरी अपनी समझ यह है कि कई अन्य जगहें हैं जहां प्रधानमंत्री जा सकते हैं…हम इस बिंदु पर अटकलें नहीं लगा सकते।

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