ग्वालियर की वीमेंस संस्था द्वारा भक्तिमति शबरी पर आधारित ‘लीला नाट्य‘ का आयोजन

मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ‘लोक पर्व‘ के अन्तर्गत सांस्कृतिक संध्या का आयोजन
महाकुंभ नगर ।
जनजातीय बाद्य यंत्रों- शहनाई, टफला, टिकी, मजीरा आदि वाद्य यंत्रों की मधुरिम ताल पर डिण्डौरी की धूलिया जनजाति का गुदुम बाजा नृत्य, भिण्ड के ज्ञानसिंह शाक्य एव दल का भगवान राम को समर्पित लांगुरिया नृत्य, मॉगलिक अवसरों पर होने वाला बुन्देलखण्ड का बधाई नृत्य ‘जन्म लिहिन रघुरइया बजे बधाइयां तथा होली गीत ‘सिर बंधे मुकुट खेले होली‘ नृत्य की प्रस्तुतियों ने मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा ‘लोक पर्व‘ के अन्तर्गत आयोजित सांस्कृतिक संध्या को रसमयि बना दिया।
मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग के सेक्टर 7 कैलाशपुरी मार्ग पूर्वी पटरी पर आयोजित पण्डाल में अयोजित सांस्कृतिक संध्या के तीसरे दिन देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं ने ग्वालियर की वीमेंस संस्था द्वारा भक्तिमति शबरी पर आधारित ‘लीला नाट्य‘ को बहुत सराहा। गीतांजलि गिरिवाल के निर्देशन में 40 कलाकरों द्वारा मंचित भीलनी शबरी की भक्ति की शक्ति को अत्यन्त भावपूर्ण ढंग से मंचित किया गया। जयन्त विश्वकर्मा एव दल का आल्हा गायन भी अत्यंत प्रभावी था।

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