दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर 70 सीटों में से 9 सीटों बदरपुर, चांदनी चौक, कालकाजी, शकूर बस्ती, सीमापुरी, नजफगढ़, मॉडल टाउन, सीमापुरी और द्वारका में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इनमें दिल्ली सरकार के तीन मंत्री सत्येंद्र जैन (शकूर बस्ती), राजेंद्र पाल गौतम (सीमापुरी) और कैलाश गहलोत (नजफगढ़) शामिल भी हैं। इनके अलावा, दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके और इस बार मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे कपिल मिश्रा भी शामिल है, जो भाजपा से उम्मीदवार हैं। इन सीटों पर उम्मीदवारों की हार-जीत पर दिल्ली ही नहीं, देश भर की नजरें रहेंगीं। आइये यहां जानते हैं दिल्ली विधानसभा की इन 9 सीटों पर कैसे हुआ रोचक और टक्कर का मुकाबला।
बदरपुर विधानसभा सीट (Badarpur Assembly Seat)
दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बदरपुर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक नारायण दत्त शर्मा ने बगावत करके चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। दरअसल, टिकट नहीं मिलने पर नारायण दत्त शर्मा इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में यहां पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है। इसी के साथ भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी, आम आदमी पार्टी प्रत्याशी रामजी सिंह ‘नेताजी’ और कांग्रेस से प्रदीप यादव ने अपने दमदार चुनाव प्रचार से और दिलचस्प बना दिया है। यहां से कौन जीतेगा? यह 11 फरवरी को चुनाव नतीजों के बाद पता चलेगा, लेकिन बदरपुर विधानसभा सीट पर नतीजों को लेकर सबसे ज्यादा दिलचस्पी रहेगी।
मॉडल टाउन विधानसभा सीट (Model Town Assembly Seat)
दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा के मैदान में आने से मॉडल टाउन विधानसभा सीट पर मुकाबला टक्कर का हो गया है। वर्तमान विधायक आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के अखिलेश पति त्रिपाठी एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं तो कांग्रेस से आकांक्षा ओला भी कमजोर प्रत्याशी के रूप में नहीं नजर आ रही हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP उम्मीदवार अखिलेश पति त्रिपाठी ने एकतरफा मुकाबले में भाजपा के विवेक गर्ग को 16706 वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन इस बार कपिल मिश्रा के आने से मुकाबला टक्कर का हो गया है। करावल नगर विधानसभा सीट से AAP विधायक रहे कपिल मिश्रा ने इस सीट पर आक्रामक प्रचार किया है, तो अखिलेश पति त्रिपाठी को अपने किए काम पर भरोसा है, तो आकांक्षा ओला को कांग्रेस के ऊपर जनता का भरोसा वापस लौटने की उम्मीद है। तीनों ही उम्मीदवारों ने अपने प्रचार के जरिये मुकाबले को इस कदर दिलचस्प बना लिया है कि अब लोग 11 फरवरी के नतीजे का ही इंतजार कर रहे हैं।
राजेंद्र नगर विधानसभा सीट (Rajinder Nagar Assembly Seat)
नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली राजेंद्र नगर सीट पर आम आदमी पार्टी प्रत्याशी राघव चड्डा और कांग्रेस प्रत्याशी रॉकी तुसीद ने त्रिकोणीय मुकाबले में तब्दील कर दिया है तो वहीं भाजपा प्रत्याशी आरपी सिंह भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में दोनों को टक्कर दे रहे हैं। बता दें कि राघव चड्ढा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और वह पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में खड़े हुए हैं, हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में राघव चड्डा ने दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वह अरविंद केजरीवाल के काम के सहारे अपनी नैया पार लगने की उम्मीद कर रहे हैं। उधर, भाजपा प्रत्याशी आरपी सिंह को नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र सरकार के काम पर भरोसा है और वह इस सीट पर जीत की आस लगाए हुए हैं, तो कांग्रेस प्रत्याशी रॉकी तुसीद अपनी नीतियों के सहारे जंग में फतह की आस में हैं। बता दें कि रॉकी तुसीद दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं और युवा होने के नाते जीत के प्रति आश्वस्त हैं। तीनों दलों के प्रत्याशियों की जीत-हार पर सभी की नजरें रहेंगी।
जफगढ़ विधानसभा सीट (Najafgarh Assembly Seat)
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली नजफगढ़ लोकसभा सीट से अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत मैदान हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी यहां से अजीत सिंह खरखरी और कांग्रेस ने साहब सिंह को मैदान में उतारा है। दिल्ली में कई बार ऑड-ईवन स्कीम लागू कराने को लेकर चर्चा में आए कैलाश गहलोत को दिल्ली सरकार की योजनाओं के सहारे जीत का भरोसा है। वहीं, भाजपा उम्मीद अजीत खरखरी को जनता में दिल्ली सरकार के प्रति उपजे गुस्से में अपनी जीत छिपी दिखाई दे रही है। इन दोनों के बीच कांग्रेस के प्रत्याशी साहब सिंह को कांग्रेस की नीतियों के साथ शीला दीक्षित सरकार में कराए गए विकास कार्यों पर भरोसा है।
शकूर बस्ती विधानसभा सीट (Shakur Basti Assembly Seat)
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन को भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. एससी वत्स और कांग्रेस के देव राज अरोड़ा से कड़ी चुनौती मिल रही है। AAP उम्मीदवार जहां दिल्ली सरकार की उपलब्धियों पर चुनाव लड़ रहे हैं तो भाजपा प्रत्याशी एससी वत्स को मोदी सरकार द्वारा कराए गए जनहित के कामों पर उम्मीद है।