परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने संतों में बांटा मास्क
माघ मास तक गंगा में स्वच्छ एवं निर्मल जल की व्यवस्था करें सरकार
प्रयागराज। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज के माघ मेला के ओल्ड जीटी रोड के उत्तरी पटरी पर लगे शिविर में आज संत- महात्माओं को कोविड को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान सभी संत/ महात्माओं और शिष्यों में मास्क का वितरण किया गया। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने कल्पवास के लिए आने वाले कल्प वासियों से कहा है कि वह कोविड को लेकर सतर्क रहें क्योंकि कोविड फिर फैलने लगा है इसके एक-एक करके मरीज मिलने भी लगे है । उन्होंने कहा कि बचाव ही सुरक्षा का उपाय है। माघ मेले में आने वाले सभी लोग मास्क जरूर लगाये और वह दूसरों को भी मास्क एवं सेनेटाइजर का प्रयोग बार-बार करने के लिये प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत न हो तो घर से न निकले। बाजार से सामाग्रियां एक बार में कम से कम 15 दिन की अवश्य लें। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे को छूने, उनकी छुई वस्तुओं का उपयोग करने से बचे और मास्क का सभी लोग प्रयोग करें। पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने बताया कि शिविर में चाय – नाश्ते का वितरण और माहभर चलने वाला विशाल अन्नक्षेत्र पौष पूर्णिमा छह जनवरी से शुरू होने जा रहा है। चाय – नाश्ता सुबह पांच बजे से शुरू होगा जबकि भंडारा दोपहर 12 बजे से शुरू होकर देर रात तक चलता रहेगा। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज की श्रीमद् भागवत कथा शिविर में 18 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी तक चलेगी। यह कथा दोपहर दो बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगी । पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने बताया कि दोपहर 12 बजे से शिविर में रामलीला होगी और शाम सात बजे रासलीला होगी। उन्होंने बताया कि इस बार माघ मेले का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा का स्नान छह जनवरी को है इसलिए बड़ी संख्या में कल्पवासी कल्पवास करने के लिए एक जनवरी से संगम नगरी में आने लगेगे। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के प्रत्येक सनातन धर्मी को कम से कम अपने जीवन में एक बार तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करते हुए गंगा स्नान और भगवत भजन करना चाहिए । उन्होंने कहा कि तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास करने से, भगवद् भजन करने से, संत – महात्माओं को संगत में रहने से और गंगा स्नान करने से लोगों को साक्षात मोक्ष की प्राप्ति होती है । उन्होंने कहा कि इतना नहीं उनका और उनके पितरों का और कई पीढ़ियों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है ऐसे में प्रत्येक सनातन धर्मी को चाहिए कि वह अपने जीवन में कम से कम एक बार तीर्थ राज प्रयाग में कल्पवास करते हुए गंगा स्नान, दान भगवान भजन और सत्संग जरूर करें। पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने सरकार और अफसरों को सुझाव दिया है कि माघ मास के दौरान संत, महात्माओं और लाखों कल्पवासियों के स्नान और आचमन के लिए गंगा में पर्याप्त स्वच्छ एवं निर्मल जल की व्यवस्था जरूर करें।