माघ मेले के जमीन आवंटन की पीएम – सीएम उच्च स्तरीय जांच की मांग

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नाथ त्रिपाठी ने
 पीएम-सीएम को लिखा पत्र
हरबात संवाददाता
 प्रयागराज। माघ मेला में जमीन आवंटन में व्यापक स्तर पर हुई गड़बड़ी अब मेला प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों के गले की फांस बनता जा रहा है। अब किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी त्रिपाठी महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज पत्र लिखा है कि मांग मेले में जमीन आवंटन और सुविधाओं के आवंटन में व्यापक स्तर पर हुई गड़बड़ी की उच्चस्तरीय जांच करके मेला प्रशासन के दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने कहा कि माघ मेले में व्याप्त अव्यवस्था के लिए मेला प्रशासन के अफसर ही जिम्मेदार हैं क्योंकि यहां पर संत –  महात्मा, देश और विदेश के लाखों कल्पवासी कल्पवास के लिए संगम की रेती पर आते हैं लेकिन मेला प्रशासन की अव्यवस्था और अराजकता से लोगों को माह भर परेशान होना पड़ता है। उनको शिविर लगाने के लिए जमीन, बिजली, पानी, तंबू और शौचालय के लिए अफसरों के कार्यालय का कई दिनों तक चक्कर लगाना पडता है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महराज ने  प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग  किया है कि जिन संस्था और समितियों को वर्ष- 2000 में जो भी जमीन / सुविधा मिलती थी वह 2022 में कितने गुना और कैसे बढ़ गई है और यह किसकी वजह से बढ़ी है जबकि सबसे प्राचीन संस्थाओं में शंकराचार्य और तीर्थ पुरोहितों की प्रयागवाल सभा की जमीन और सुविधाएं क्यों नही बढ रही है। उन्होंने कहा कि  खाक चौक,आचार्य बाडा ,दण्डी बाडा सहित दो दर्जन संस्थाओं की जमीन और सुविधाएं वर्ष-2000 से आजतक 50 गुना बढ चुकी।  उन्होंने कहा कि जब मेला प्रशासन के अफसरों को जमीन बांटने का अधिकार है तो समितियों को क्यों मनमानी जमीन और सुविधाओं का आवंटन करते हैं इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाकर इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिससे की मांग मेले में जो अराजकता और अव्यवस्था फैली है वह रुक सके और लोग शांति के साथ  कल्पवास कर सके । किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी त्रिपाठी महाराज ने कहा कि अगर अभी से माघ मेले में मेला प्रशासन के अफसरों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले  2024-25 के कुंभ मेले में यही  अराजकता और अव्यवस्था फैल जाएंगी, तो उसके लिए मजबूर होकर  आपको  प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ  कार्रवाई करनी पड़ेगी ऐसे में अभी जरूरी हो गया कि  इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जमीन और सुविधाओं के आवंटन की उच्च स्तरीय जांच करवाकर मेला प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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