फूलपुर/प्रयागराज ।श्रीराम वनगमन-पथ काव्ययात्रा के उपलक्ष्य “राष्ट्रीय कवि संगम” का आयोजन इफको घियानगर फूलपुर के मुक्तांगन परिसर में हुआ।यह काव्ययात्रा महाशिवरात्रि के उवसर पर श्रीलंका से प्रारंभ हुई जो कि रामनवमी को अयोध्या में समाप्त होगी। यह काव्ययात्रा उन-उन स्थानों से होकर गुजर रही है जहाँ भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास काटे थे।यह यात्रा 41 दिन, 232 स्थान, 6500 किलोमीटर होकर गुजर रही है,जिसमें प्रमुख स्थान रामेश्वरम,हम्पी (किष्किंधा),रामदुर्ग(शबरी),नासिक(पंचवटी), वाल्मीकिआश्रम- शिवरीनारायण(छत्तीसगढ़) , चित्रकूट, प्रयागराज (तीर्थराज),आयोध्या(जन्मस्थान) आदि स्थानों से होकर गुजर रही है।घियानगर में आयोजित राष्ट्रीय कवि संगम श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रणेता, हिन्दू हृदय सम्राट व राष्ट्रीयऋषि श्री अशोक सिंहल जी को समर्पित थी।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गजेन्द्र चौहान (महाभारत के युधिष्ठिर) रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि गजेन्द्र चौहान,इकाई प्रमुख कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया व अन्य उपस्थित विशिष्ठ अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलित कर किया।सर्वप्रथम केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों द्वारा सरस्वती पूजन पर नृत्य प्रस्तुत किया गया।कवि साखी गोपाल पांडा ने गणेश वंदना से कवि सम्मेलन का आयोजन किया,कवि अभिजीत त्रिपाठी ने राष्ट्रवादी कविता सुनाई जिसमें उन्होंने प्रयागराज की पावन धरती व चंद्रशेखर आजाद को नमन किया उनकी पंक्तियाँ “वीर भारत का पूत आजाद जिया और आजाद मरा” ने सबको आकर्षित किया। अर्जुन सिसोदिया ने अपनी पंक्तियों “यूपी को पहचान मिला, लोगों को स्वाभिमान मिला” ने सबका ध्यान आकर्षित किया। शूंभ मनहर ने भगवान श्रीराम की महिमा का बखान किया।सुप्रसिद्ध टेलीविजन पर चर्चित कवि सुदीप भोला ने हास्य व अन्य भक्ति रस की कविता से सबका ध्यान आकर्षित किया जिसमें प्रमुखतः “गिलहरी भाग्य सजावे रे,भाग-भाग कर राम काज में हाथ बटावे रे” रही। योगेन्द्र शर्मा (मेवाड) धारा 370 पर पंक्तियाँ सुनाई “कश्मीर में झंडा गाड़ दिया हमने ,धारा 370 वाला पन्ना फाड़ दिया हमने” का सबने तालियों की तेज गरगराहट से स्वागत किया।मुख्य वक्ता डॉ. हरिओम पवार ने अखंड भारत पर राष्ट्रवादी कविता सुनाई, उनकी पंक्तियाँ “आँखों में अंगार भरे है,सीने पर तुफान भरे है, खूनी ताली वालों का इतिहास नहीं कहूं तो क्या कहूं” ने सबका ध्यान आकर्षित किया।उनके अन्य विषय तालिबान व यूक्रेन युद्ध भी रहा। उन्होंने घियानगर के श्रोतागणों की सराहना किया और कहा कि उन्होंने पिछले 40 वर्षों कभी नहीं देखा कि जितने श्रोतागण शुरु में उपस्थित रहे हो अतं में भी उतने मौजूद रहे लेकिन यहाँ ऐसा हुआ है।वरिष्ठ कवि व संजोजनकर्ता जगदीश मित्तल जी ने श्रीराम वनगमन पथ काव्ययात्रा के बारे में अपने अनुभव बताए।अन्य कवि अनुप द्विवेदी, शंभू मनहर, महेश शर्मा,काशी प्रांत के अंजनी अमोघ, अनिरुद्ध मिश्र , राजेश चेतन,श्रीमती वंदना शुक्ला,श्रीमती प्रतिमा मौर्य ने भक्तिरस और राष्ट्रवादी कविता एवं पक्तियों पर अपनी प्रस्तुति दी।काव्य सम्मेलन का संचालन अशोक बत्रा ने किया व समापन बाबा सत्यनारायण मौर्य ने किया।मुख्य अतिथि गजेन्द्र चौहान ने कहा “मेरा धर्म ही मेरा राष्ट्र है,मेरा राष्ट्र ही मेरा धर्म है।” उन्होंने कहा कि हमारे भारतवर्ष की संस्कृति एवं सभयता काफी मजबूत है क्योंकि हमनें अनवरत काल से विभिन्न आक्रमण देखे।उन्होंने कहा कि रामायण हमें यह बताता है कि हमें क्या करना चाहिए और महाभारत हमें बताता है कि हमें क्या नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में दूरदर्शन में महाभारत पर पुनः प्रसारण हुआ जो कि यह बताता है कि महाभारत आज भी कितना लोकप्रिय है एवं आज भी प्रसंगिक है। उन्होंने महाभारत के कुछ डायलॉग सुनाए जिसे सभी लोगों ने खूब सराहा। उपमहाप्रबंधक वित्त एवं लेखा संतोष कुमार सिंह ने कवि सम्मेलन में आए हुए सभी लोगों, कवियों व आयोजनकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट किया।कार्यक्रम में उपमहाप्रबंधक का0 एवं प्रशा0 दानवीर सिंह,इफको ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र व महामंत्री स्वयं प्रकाश, इफको कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पंकज पाण्डेय व महामंत्री विनय यादव, मयंक पाण्डेय (इफको टोकियो), विक्रम सोनी (यात्रा निदेशक,काशी प्रांत) एवं बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारी सपरिवार उपस्थित रहे।