‘लव जिहाद’ अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर HC ने योगी सरकार से जवाब तलब किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ‘लव जिहाद’ अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा दाखिल करने का शुक्रवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने अधिवक्ता सौरभ कुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। कुमार ने बलपूर्वक और धोखे से धर्म परिवर्तन के खिलाफ उत्तर प्रदेश के नए अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। वर्तमान में पीठ ने किसी तरह की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार को 4 जनवरी, 2021 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यह अध्यादेश पसंद और आस्था बदलने के मौलिक अधिकार का हनन करता है। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि यह नैतिक रूप से और संवैधानिक रूप से अवैध है। याचिकाकर्ता ने अदालत से इस अध्यादेश को संविधान के विपरीत घोषित करने का अनुरोध किया। याचिकाकर्ता ने साथ ही अदालत से अधिकारियों को याचिका लंबित रहने तक इस अध्यादेश के तहत कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। याचिका के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्तूबर, 2020 को एक बयान दिया था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून लाएगी।

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