छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और संघर्ष की कहानी को बड़े पर्दे पर देखने का हर कोई इंतजार कर रहा था ।छावा फिल्म – एक ऐसी कहानी है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन अब लक्ष्मण उतेकर ने इस कहानी को शानदार तरीके से दर्शकों के सामने पेश किया है। छावा एक ऐतिहासिक फिल्म है, जो सिर्फ एक नायक की नहीं, बल्कि उस समय के हर वीरता और बलिदान की कहानी को बयां करती है।
लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म के जरिए ऐतिहासिक और भावनात्मक कहानी का शानदार मिश्रण प्रस्तुत किया है। फिल्म का हर दृश्य, हर संवाद और हर एक्शन सीन यह दर्शाता है कि उतेकर ने इस फिल्म के प्रति अपनी पूरी मेहनत और प्यार लगाया है। उनके निर्देशन में फिल्म का हर पल दर्शकों को जुड़ने पर मजबूर कर देता है, और इतिहास के उस दौर को महसूस कराया जाता है, जब मराठों की वीरता की मिसाल थी।
विक्की कौशल ने छत्रपति संभाजी महाराज के किरदार में जान डाल दी है। उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली और करिश्माई है। उन्होंने इस भूमिका को इतनी गहराई से निभाया है कि हर दृश्य में उनका आत्मविश्वास और संवेदनशीलता साफ नजर आता है। विक्की की अदाकारी दर्शकों को झकझोर कर रख देती है, और फिल्म के हर अहम मोड़ पर उनका अभिनय आपको थामे रखता है।
रश्मिका मंदाना ने महारानी येसूबाई के किरदार में एक मजबूत और साहसी पत्नी के रूप में अपनी अदाकारी का परिचय दिया है। उनकी नर्म, लेकिन मजबूत भूमिका दर्शकों को गहरी छाप छोड़ती है। येसूबाई के रूप में रश्मिका का प्यार और समर्पण दर्शकों को उनकी तरफ खींचता है।
अक्षय खन्ना ने औरंगजेब के किरदार में अपने अभिनय से एक अलग ही छाप छोड़ी है। उनका अभिनय बेहद शांत और गहरी छाप छोड़ता है। बिना ज्यादा बोले, सिर्फ अपनी आँखों और हाव-भाव से अक्षय ने औरंगजेब की दरिंदगी और ताकत को बहुत अच्छे से दर्शाया है।
आशुतोष राणा ने सरलश्कर हंबीरराव मोहिते के किरदार में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनका प्रदर्शन मराठा सेनापति की भूमिका में जबरदस्त है। दिव्या दत्ता ने राजमाता के रूप में साजिश और धोखेबाजी का अच्छा उदाहरण पेश किया है। वहीँ, विनीत कुमार सिंह ने कवि कलश के रूप में फिल्म को एक संवेदनशील और नर्म मोड़ दिया है। डायना पेंटी ने ज़िनात-उन्नीसा बेगम के किरदार में एक अच्छा ट्विस्ट डाला है।
फिल्म का एक्शन बेजोड़ है। लक्ष्मण उतेकर ने जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस की दिशा दी है। युद्ध के चार प्रमुख सीन, जो पूरी फिल्म के केंद्रीय भाग में हैं, बेहद दिलचस्प और रोमांचक हैं। हर लड़ाई में रणनीति और कुशलता साफ दिखाई देती है। इन युद्धों में हर एक्शन मूव बेहद शानदार तरीके से कोरियोग्राफ किए गए हैं, जिससे दर्शक फिल्म के हर पल में खुद को शामिल महसूस करते हैं।
फिल्म का संगीत फिल्म के मूड और टेंशन के अनुसार बेहतरीन तरीके से ढाला गया है। बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के हर भावनात्मक और एक्शन पैक्ड सीन को और प्रभावशाली बनाता है। युद्ध के दृश्यों के साथ गाने और संगीत की धड़कन दर्शकों के दिलों में गहरी जगह बना लेती है।
फिल्म में एक ऐसा दृश्य आता है, जब संभाजी महाराज को औरंगजेब द्वारा भयानक शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाती हैं। इस दृश्य में उनके हौसले और दर्द को बखूबी पेश किया गया है, जो दर्शकों को आंसू तक ला सकता है। यह सीन फिल्म का सबसे दिल दहला देने वाला पल है, जो लंबे समय तक आपके दिल में गूंजता रहेगा।
मैडॉक फिल्म्स ने हमेशा दर्शकों के सामने नई तरह की कहानियां प्रस्तुत की हैं, और ‘छावा ’ इस बात का बेहतरीन उदाहरण है। दिनेश विजन ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस फिल्म को एक ऐतिहासिक, भावनात्मक और विजुअल रूप से सशक्त फिल्म बनाने का काम किया है।
अगर आप भारतीय इतिहास, वीरता और बलिदान की कहानियों को पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक ट्रीट होगी। मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले दिनेश विजन द्वारा निर्मित ‘छावा सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह एक यात्रा है, जो आपको गर्व और प्रेरणा से भर देगी। इस फिल्म के निर्देशन, अदाकारी, और एक्शन ने इसे इस सप्ताह के लिए एक ‘मस्ट वॉच’ बना दिया है। तो इस वीकेंड इसे अपने परिवार के साथ जरूर देखें।
निर्देशक: लक्ष्मण उतेकर
कास्ट: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार सिंह, डायना पेंटी
समय: 161 मिनट
रेटिंग: 4
मेरे हसबैंड की बीवी कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा का एक शानदार मिश्रण है। बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर, रकुल प्रीत सिंह और भूमि पेडनेकर अभिनीत, मुदस्सर अजीज द्वारा निर्देशित यह फिल्म मजाकिया संवाद और विचित्र स्थितियों से भरी हुई है जो दर्शकों को अंत तक मनोरंजन करती है। अपने हल्के-फुल्के हास्य के साथ, यह मल्टी-स्टारर एक मजेदार सिनेमाई अनुभव देने में सफल है।
कहानी
दिल्ली की पंजाबी फैमिली का मुंडा अंकुर चड्ढा (अर्जुन कपूर ) प्रभलीन कौर (भूमि )से शादी करके अपनी खुशहाल जिंदगी गुजार रहा है लेकिन यहां भी सब कुछ ठीक नहीं है करीब पांच साल चली शादी के बाद इन दोनों के रिश्तों में अब पहले जैसी बात नहीं यही वजह है अब यह शादी तलाक से जूझती ही नजर आ रही है. अंकुर शादी की कड़कड़ाहट भरी यादों से वह चाहकर भी नहीं निकल पा रहा है. अंकुर का दोस्त (हर्ष गुजराल) उसे दिल से इस टेंशन भरे बुरे वक्त से निकलने में उसकी मदद कर रहा है,लेकिन रिजल्ट जीरो ही है । इसी बीच अपने फैमिली बिजनेस के की एक डील के लिए अंकुर को ऋषिकेश जाना पड़ता है। यहां उसकी मुलाकात अपनी कॉलेज फ्रेंड अंतरा खन्ना (रकुलप्रीत) से होती है और फिर दोनों में प्यार हो जाता है. अब इस मजेदार कहानी का क्लाइमेक्स क्या है यह जानने के किए और क्या उनकी शादी हो पाती है या नहीं इसके लिए आपको मेरे हसबैंड की बीवी देखने के लिए सिनेमा का रुख करना होगा। यह फिल्म फुल पैसा वसूल फिल्म है जो आपकी हर कसौटी पर खरा उतरेगी। फिल्म में अर्जुन की भूमिका काफी इंप्रेसिव है बहुत दिनों के बाद उन्होंने अपनी अभिनय की छाप छोड़ी है, भूमि पेडनेकर और रकुल प्रीत की नोकझोंक गुदगुदाती है हर्ष गुजराल की एंट्री अच्छी है उन्होंने काफी मेहनत की है जो फिल्में में दिखाई देती हैं।
निर्देशन
खेल खेल में और हैप्पी फिर भाग जाएगी के निर्देशक मुदस्सर अज़ीज़ ने एक सरल लेकिन आकर्षक कहानी बनाई है जो मेरे हसबैंड की बीवी के ज़रिए आधुनिक दर्शकों को पसंद आएगी। फिल्म को अपने किरदारों को स्थापित करने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन एक बार कहानी शुरू हो जाने के बाद, यह एक मजेदार प्रवाह बनाए रखती है। पटकथा हास्य, जीवंत बातचीत और मनोरंजक वन-लाइनर्स से भरी हुई है, जो एक हल्का और हवादार देखने का अनुभव सुनिश्चित करती है। हालांकि, अर्जुन कपूर की यह फिल्म आपको कार्तिक आर्यन की फिल्म पति पत्नी और वो की याद दिला सकती है। दिलचस्प बात यह है कि 2019 की इस फिल्म का निर्देशन भी अजीज ने किया था और भूमि ने लगभग वही किरदार निभाया था, जो उन्होंने मेरे हसबैंड की बीवी में निभाया था। फिल्म का साउंडट्रैक दिल को छू जाता है, जिसमें मधुर और उत्साहवर्धक ट्रैक हैं जो समग्र अनुभव को बढ़ाते हैं, हालांकि डांस स्टेप अजीब हैं।
अभिनय
मेरे हसबैंड की बीवी के कलाकारों ने अपने अभिनय के मामले में बेहतरीन काम किया है। सिंघम अगेन में दमदार अभिनय के बाद, अर्जुन कपूर अंकुर चड्ढा के रूप में और भी सहज लग रहे हैं। इसके अलावा, अभिनेता ने इस फिल्म में अपनी कॉमिक टाइमिंग से प्रभावित किया है और आपको आश्चर्य होता है कि क्या उन्हें आगामी मल्टी-स्टारर कॉमेडी फिल्मों में लिया जाना चाहिए था। दूसरी ओर, भूमि पेडनेकर ने एक बार फिर प्रबलिन कौर का किरदार निभाते हुए अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया है। हालांकि, उन्हें स्क्रीन पर देखना और पत्नी पत्नी और वो की वेदिका त्रिपाठी की याद न दिलाना मुश्किल है, क्योंकि उनके साथ भी ऐसा ही अनुभव हुआ है। दूसरी ओर, रकुल प्रीत सिंह अंतरा की भूमिका में आकर्षण और जीवंतता लाती हैं। वह अर्जुन कपूर के साथ भी अच्छी केमिस्ट्री साझा करती हैं। हर्ष गुजराल, डिनो मोरिया और आदित्य सील सहित सहायक कलाकारों ने फिल्म में अपने समयबद्ध प्रदर्शन से हास्य को और बढ़ा दिया है। हालांकि, शक्ति कपूर मेरे लिए सबसे अलग हैं। एनिमल के बाद उन्हें इस तरह की भूमिका में देखना ताज़ा करने वाला है।
पूजा एंटरटेनमेंट के तहत वाशु भगनानी, जैकी भगनानी और दीपशिखा देशमुख द्वारा निर्मित, मेरे हसबैंड की बीवी हाल ही में रिलीज़ हुई एक्शन से भरपूर फिल्मों से एक ताज़ा ब्रेक के रूप में काम करती है। रोमांटिक कॉमेडी और हल्के-फुल्के मनोरंजन के प्रशंसकों को यह फिल्म पसंद आएगी, खासकर वे जिन्हें 2 स्टेट्स, की एंड का और मुबारकां में अर्जुन कपूर पसंद आए थे। जो लोग पीरियड ड्रामा और एक्शन रिलीज़ के बीच एक सॉफ्ट रोमांटिक कॉमेडी का आनंद लेना चाहते हैं, उन्हें यह फिल्म खूब पसंद आएगी। हालांकि कहानी में वही सब कुछ है जो पहले से ही चल रहा है, लेकिन फिल्म का हास्य, आकर्षक अभिनय और मनोरंजक क्षण इसे कॉमेडी प्रेमियों के लिए एक आनंददायक फिल्म बनाते हैं। इसलिए, मेरे हसबैंड की बीवी को 5 में से 3 स्टार मिलना चाहिए, फिल्म अब सिनेमाघरों में आ चुकी है।