राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रचनात्‍मक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्‍य से महाप्रबंधक श्री रविन्‍द्र गोयल के निर्देशानुसार और मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्‍य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री सतेन्‍द्र कुमार के मार्गदर्शन में उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय के राजभाषा विभाग द्वारा क्षेत्रीय रेल स्‍तर पर हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन, हिंदी निबंध लेखन एवं हिंदी वाक् प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। ‘भारतीय रेल में पर्यावरण संरक्षण के नए आयाम’ विषय पर आयोजित हिंदी वाक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने भारतीय रेल द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे महत्‍वपूर्ण कार्यों और योजनाओं पर के विषय में अपने उपयोगी विचार व्‍यक्‍त किए तथा रेलवे की कार्यप्रणाली, यात्री सुविधाओं, रेल संचालन सहित राष्‍ट्रीय जीवन में पर्यावरण संरक्षण के महत्‍व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं उप विसमुलेधि/मुख्‍यालय श्री शैलेन्‍द्र कुमार सिंह ने कहा कि ऊर्जा कुशलता और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से रेल प्रणाली, सड़क परिवहन की अपेक्षा हमेशा से ही बेहतर रही है, क्‍योंकि यह अपने यात्री और ग्राहकों को पर्यावरण अनुकूल और स्‍वास्‍थ्‍यपरक सेवाएं प्रदान करती है। स्‍वच्‍छ ऊर्जा प्रयोग की दिशा में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, हाइड्रोजन आदि वैकल्पिक स्रोत हरित रेलवे का भविष्‍य हैं। श्री शैलेन्‍द्र कुमार सिंह ने बताया कि सुव्‍यवस्थित पर्यावरण प्रबंधन के लिए भारतीय रेल में आरईएमसीएल की स्‍थापना की गई है, जो रेल संचालन एवं प्रबंधन के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के बारे में रणनीतिक परामर्श देती है। श्री सिंह ने वक्‍ताओं के विषय ज्ञान की सराहना करते हुए उनकी भाषा और अभिव्‍यक्ति शैली की प्रशंसा की। इस प्रतियोगिता में श्री पी.के. ओझा, निरीक्षक, रेल सुरक्षा बल, मुख्‍यालय को प्रथम स्‍थान, श्री एस. एम. नजमी, वरिष्‍ठ सेक्‍शन इंजीनियर/टेली, निर्माण संगठन, मुख्‍यालय को द्वितीय स्‍थान तथा श्री कमलेश सिंह कुशवाहा, हेल्‍पर, बिजली कोचिंग, प्रयागराज मंडल को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ।

कार्यक्रम का संयोजन वरिष्‍ठ राजभाषा अधिकारी श्री चन्‍द्र भूषण पाण्‍डेय ने किया तथा संचालन राजभाषा अधिकारी श्री यथार्थ पाण्‍डेय द्वारा किया गया।

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