हिन्दी कविता : @#धन धरा रह जायेगा,,,,,

पेट काटकर धन ना बनाओ धन ये धरा रह जायेगा,
जो काया बीमार हुई तो
ये धन डॉक्टर ले जायेगा,,,
झूठी दौलत झूठी शौहरत
झुठा सारा दिखावा हैं,
इस झूठ के फेर में पड़कर
इस तन को यू ना गवाना तुम ,,,,,,,
धरा हुवा धन धरा रहेगा
तू कुछ ना कर पायेगा,
जो सांसो की डोर  टूट गई
तो धन  ये धरा रह जाएगा,,,,
तेरी मेहनत का तू खा ले
 अपना जीवन स्वस्थ बिता  ले, जो तन को तकलीफ दिया तो अंत मे मन तेरा पछतायेगा,
तेरी काया दुःख झेलेगी धरा हुवा ये धन तेरा कोई और खा जाएगा,,
इसलिए तो कहता हूं यारो
दान धर्म कर नेक कर्म कर
ये जीवन धन्य हो जाएगा,
वरना धरा हुवा धन धरा रहेगा,
तू कुछ भी ना कर
पायेगा ,,,,,

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