प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने आठ मई से कोर्ट परिसर में कैसे काम होगा, इस सम्बन्ध में बुधवार को एक एडवाइजरी जारी की गयी है। हाईकोर्ट में दो शिफ्ट में काम होगा। पहली शिफ्ट में सिविल मुकदमों की तथा दूसरी शिफ्ट में क्रिमिनल केसों की सुनवाई होगी। यह व्यवस्था फिलहाल इलाके के हाईकोर्ट में ही लागू रहेगी। लखनऊ बेंच में कोर्ट खोलने के पूर्व निर्णय को अभी स्थगित कर दिया गया है। इस पर आगे बाद में निर्णय लिया जाएगा।
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि जरूरी न्यूनतम स्टाफ के जरिए कोर्ट कार्यवाही चलायी जायेगी। फाइलें अनुभागों से सेनेटाइज करने के बाद ही कोर्ट रूम में भेजी जाएंगी। गेट नंबर 4 और 5 में मुकदमों की रिपोर्टिंग एवं दाखिले किये जा सकेंगे। और गेट नंबर 3 ए पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी बहस का इंतजाम किया गया है। वहां से भी बहस की जा सकती है। खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था की गयी है। अदालतें नए बने भवन में बैठेंगी। 30 कोर्टों में अदालत चलाने व वकीलों के बैठने की व्यवस्था की गयी है।
अधिवक्ता गेट नंबर 1 से परिसर में प्रवेश करेंगे। जिन अधिवक्ताओं के मुकदमें कोर्ट में लगे होंगे, न्यायालय प्रशासन द्वारा उन्हें ई-पास जारी किया जाएगा। ई -पास धारक अधिवक्ता को ही परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी। गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के अधिवक्ता एवं हाट स्पाट जोन में रहने वाले अधिवक्ता अपने घरों में रहे। उन्हें न्यायालय आने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय में प्रवेश द्वार पर हैंड वास सेनेटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। वकीलों को हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश से पूर्व इससे होकर गुजरना होगा। अधिवक्ताओं को कोर्ट और गाउन नहीं पहनना है। केवल पैंट शर्ट पहन कर आना है, जो घर जाकर आसानी से धुला जा सके।
न्यायालय परिसर के भीतर स्थित अधिवक्ताओं के चेंबर बंद रहेंगे उसे खोलने की अनुमति नहीं होगी। जजों के चेंबर और उनके कॉरिडोर में अधिवक्ता नहीं जा सकंगे। सभी वकील और स्टाफ मास्क, ग्लब्स पहनकर ही कोर्ट परिसर में आएंगे। एक न्याय कक्ष में 6 से अधिक वकीलों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। बहस करने के बाद अधिवक्ता कोर्ट से बाहर चले जाएंगे। सभी से परिसर के भीतर और बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया गया है। परिसर में थूकने, शराब पीकर आने, पान, गुटखा, तंबाकू खाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह दंडनीय अपराध माना गया है। सभी से अनुरोध किया गया है कि भीड़ से बचें।
वादकारी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी। न्यायालय परिसर के आसपास दुकान खोलने पर भी रोक लगा दी गई है। अधिवक्ताओं से यह भी अनुरोध किया गया है कि वाहन की पार्किंग, दूरी बनाकर करें और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का अनुपालन किया जाए। यह गाइडलाइन केवल इलाहाबाद प्रधान पीठ के लिए है। लखनऊ पीठ में 8 मई से कोर्ट खोलने का निर्णय अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने आज बुधवार को जारी किया है।