श्रीलंका में सुप्रीम कोर्ट के सामने कैथोलिक पादरियों ने किया प्रदर्शन

कैथोलिक पादरियों के एक समूह ने श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट परिसर के सामने सोमवार को प्रदर्शन किया। पादरियों ने यह कदम 2019 में ईस्टर संडे आतंकी हमले में श्रीलंकाई स्टेट इंटेलीजेंस एजेंसी के संलिप्त रहने का आरोप लगाने वाले अपने साथी के समर्थन में उठाया है।

आरोप लगाने वाले पादरी ने गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए शीर्ष कोर्ट में बुनियादी अधिकार को लेकर याचिका दाखिल कराई है। पिछले महीने फादर क्रिल जैमिनी को अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) ने समन किया था। स्टेट इंटेलीजेंस सर्विस के निदेशक मेजर जनरल सुरेश सैली ने आरोप लगाया था कि पादरी ने 2019 के आतंकी हमले के बारे में बयान जारी किया है।इस आरोप के बाद पादरी को समन किया गया। 2019 में ईस्टर संडे के मौके पर आतंकी संगठन आइएस से जुड़े स्थानीय इस्लामिक कट्टरपंथी गिरोह नेशनल तावहीद जमात (एनटीजे) ने श्रीलंका में तीन चर्चो और कई लग्जरी होटलों को निशाना बनाया था। आतंकी संगठन द्वारा किए गए विस्फोटों में कम से कम 270 लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा घायल हुए थे। क्या कहा था पादरी नेप्रमुख पादरी फादर जैमनी ने कथित रूप से कहा था कि इंटेलीजेंस यूनिट ने जहरान हाशिम को वित्तीय सहायता एवं अन्य महत्वपूर्ण सहायता मुहैया कराई थी। हाशिम ही जिहादी संगठन का अगुआ था। समन के बावजूद पादरी सीआइडी के सामने हाजिर नहीं हुए और सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी की आशंका को लेकर अंतरिम हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल कराई है।

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