राष्ट्रीय सनातन एकता मिशन की ओर से स्वामी विवेकानंद जयंती पर हुई संगोष्ठी
प्रयागराज। पूरे देश के साथ ही संगम नगरी प्रयागराज में भी स्वामी विवेकानंद की जयंती आज युवा दिवस के रूप में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई गई। इस मौके पर संगम नगरी प्रयागराज में राष्ट्रीय एकता मिशन की ओर से संगोष्ठी मेडिकल कॉलेज के मेहता प्रेक्षागृह में आयोजित की गई। राष्ट्रीय एकता मिशन की ओर से “गीता-विज्ञान जीवन-रक्षा सड़क-सुरक्षा” विषय पर लोक संवाद का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस नीरज तिवारी ने शिरकत की जबकि विशिष्ट अतिथि कमिश्नर प्रयागराज मंडल विजय विश्वास पंत और आरटीओ राजेश मौर्य थे। इस मौके पर भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान दिल्ली के अध्यक्ष रामकृष्ण गोस्वामी ने बतौर मुख्य वक्ता लोगों को संबोधित किया।
जस्टिस नीरज तिवारी ने जहां कर्म योग के सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति को कार्य प्रधान होना चाहिए। उसे फल की प्राप्ति की इच्छा नहीं करनी चाहिए क्योंकि फल के स्वरूप पर उसका कोई अधिकार नहीं है। मुख्य वक्ता रामकृष्ण गोस्वामी ने स्पष्ट किया कि भगवान की प्राप्ति का सबसे सरल मार्ग प्रभु के आदेशों को आत्मसात करना है। आरटीओ राजेश मौर्य ने सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक किया। उन्होंने लोगों को सड़क पर चलते हुए उनके कर्तव्यों के बारे में बताया। यह भी बताया कि कैसे किसी दुर्घटना के समय पीड़ित की मदद करें।
वहीं सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं अशोक कुमार पाठक ने सड़क सुरक्षा जैसे विषय को गीता से जोड़ते हुए लोगों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि किस तरह से हमें सड़क पर चलते हुए यातायात नियमों का पालन और सावधानी बरतनी चाहिए। अगर कोई सड़क हादसा हो जाए तो कैसे लोगों को किस भावना से मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि अगर लोग अपने वाहनों में फर्स्ट एड किट और ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलें तो किसी भी अनहोनी घटना के समय किसी व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण ने भी अर्जुन को कर्म की शिक्षा दी थी। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा विषय पर भी यह जरूरी है कि अगर लोग अपने कर्म पर ध्यान देंगे तो निश्चित तौर पर अनगिनत जानें बचाई जा सकेंगी। इस मौके पर सनातन एकता मिशन के संरक्षक पं देवराज पाठक, रामरक्षा द्विवेदी, राजेंद्र पाण्डेय समेत शहर के बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में खास तौर पर स्कूली बच्चों को भी बुलाया गया था ताकि उन्हें रोड सेफ्टी के नियमों के प्रति जागरूक किया जा सके। संचालन डा प्रभाकर त्रिपाठी ने करते हुए संगोष्ठी के सभी पहलुओं को आपस में जोड़कर विस्तार से बातें रखी