ऑस्ट्रिया यात्रा के दूसरे दिन विदेश मंत्री ने सोमवार को कहा कि आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और यह एक क्षेत्र के भीतर तक सीमित नहीं है। जयशंकर ने व्यापार को लेकर भी बात की और कहा कि मौजूदा समय में हमारे पास 2.5 बिलियन डॉलर का व्यापार कारोबार है। भारत में इस समय डेढ़ सौ से ज्यादा ऑस्ट्रियाई कंपनियां मौजूद हैं। हम चाहते हैं कि यह संख्याएं पर्याप्त रूप से बढ़ें। एस जयशंकर ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि ऑस्ट्रियाई अर्थव्यवस्था में भारत की मौजूदगी में काफी वृद्धि हुई है।
भारतीय कौशल को दिखाने के लिए चाहिए समान अवसर
विदेश मंत्री ने कहा, हमने कई समझौते किए हैं और मुझे लगता है कि व्यापक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते की शुरुआत खासतौर पर उल्लेखनीय है, क्योंकि यह कौशल की मांगों को प्रतिभा के साथ तालमेल करने में सक्षम करेगा। जयशंकर ने कहा, भारत कानूनी प्रवासन और गतिशीलता का एक मजबूत समर्थक है और एक देश के रूप में वैश्विक कार्यस्थल का पूरी तरह से लाभ उठाना चाहता है। उन्होंने आगे कहा, हम भारतीय कौशल और प्रतिभा के योगदान को दिखाने केलिए एक उचित, कानूनी और समान अवसर चाहते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, हमने कई समझौते किए हैं और मुझे लगता है कि व्यापक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते की शुरुआत खासतौर पर उल्लेखनीय है, क्योंकि यह कौशल की मांगों को प्रतिभा के साथ तालमेल करने में सक्षम करेगा। जयशंकर ने कहा, भारत कानूनी प्रवासन और गतिशीलता का एक मजबूत समर्थक है और एक देश के रूप में वैश्विक कार्यस्थल का पूरी तरह से लाभ उठाना चाहता है। उन्होंने आगे कहा, हम भारतीय कौशल और प्रतिभा के योगदान को दिखाने केलिए एक उचित, कानूनी और समान अवसर चाहते हैं।
आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा
जयशंकर ने आगे कहा, हमने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों पर भी बात की है, जो आतंकवाद से पैदा होते हैं। इनमें सीमा पार आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और कट्टरवाद शामिल है। उनके प्रभावों को एक क्षेत्र के भीतर सीमित नहीं किया जा सकता है। खासकर तब जब वे नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के अन्य रूपों से गहराई से जुड़े हों। भारत इन सबके इतने करीब है, स्वभाविक रूप से हमारे अनुभव और अंतर्दृष्टि दूसरों के लिए उपयोगी है।
जयशंकर ने आगे कहा, हमने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों पर भी बात की है, जो आतंकवाद से पैदा होते हैं। इनमें सीमा पार आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और कट्टरवाद शामिल है। उनके प्रभावों को एक क्षेत्र के भीतर सीमित नहीं किया जा सकता है। खासकर तब जब वे नशीले पदार्थों और अवैध हथियारों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के अन्य रूपों से गहराई से जुड़े हों। भारत इन सबके इतने करीब है, स्वभाविक रूप से हमारे अनुभव और अंतर्दृष्टि दूसरों के लिए उपयोगी है।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर कही ये बात
रूस-यूक्रेन के बीच बीते करीब नौ महीनों से जारी युद्ध को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, मेरे प्रधानमंत्री दोनों देशों के नेताओं के संपर्क में हैं। इस संबंध में हम अपने दृष्टिकोण पर जोर देते रहे हैं। हम ईंधन, भोजन और उर्वरकों की पहुंच और संघर्ष के प्रभावों को लेकर भी चिंतित हैं। यह वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के लिए एक बढ़ती चिंता है।
रूस-यूक्रेन के बीच बीते करीब नौ महीनों से जारी युद्ध को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, मेरे प्रधानमंत्री दोनों देशों के नेताओं के संपर्क में हैं। इस संबंध में हम अपने दृष्टिकोण पर जोर देते रहे हैं। हम ईंधन, भोजन और उर्वरकों की पहुंच और संघर्ष के प्रभावों को लेकर भी चिंतित हैं। यह वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के लिए एक बढ़ती चिंता है।
जयशंकर ने स्लावकोव प्रारूप को लेकर की बैठक
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग, चेक गणराज्य के जान लिपावस्की और स्लोवाक गणराज्य के रास्तिस्लाव कासर के साथ सोमवार को स्लावकोव प्रारूप (Slavkov format) पर बैठक की औस इसे बहुत उपयोगी बताया है। स्लावकोव प्रारूप को ‘स्लावकोव त्रिपक्षीय’ के रूप में भी जाना जाता है। यह मध्य यूरोपीय देशों चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और ऑस्ट्रिया के बीच सहयोग अनुबंध है। बैठक के दौरान सभी स्तरों पर चर्चा की गई है। विदेश मंत्री ने बताया कि बैठक के दौरान भारत-यूरोपीय संघ संबंध, पड़ोसी मुद्दों, भारत-प्रशांत और यूक्रेन संघर्ष को लेकर बातचीत हुई।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग, चेक गणराज्य के जान लिपावस्की और स्लोवाक गणराज्य के रास्तिस्लाव कासर के साथ सोमवार को स्लावकोव प्रारूप (Slavkov format) पर बैठक की औस इसे बहुत उपयोगी बताया है। स्लावकोव प्रारूप को ‘स्लावकोव त्रिपक्षीय’ के रूप में भी जाना जाता है। यह मध्य यूरोपीय देशों चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और ऑस्ट्रिया के बीच सहयोग अनुबंध है। बैठक के दौरान सभी स्तरों पर चर्चा की गई है। विदेश मंत्री ने बताया कि बैठक के दौरान भारत-यूरोपीय संघ संबंध, पड़ोसी मुद्दों, भारत-प्रशांत और यूक्रेन संघर्ष को लेकर बातचीत हुई।