रोजाना खाटू श्याम बाबा की आरती गाने से बनने लगते हैं बिगड़े हुए काम

खाटू श्याम बाबा के भक्त उन्हें कई नामों से बुलाते हैं। जैसे शीश दानी, कलियुग का भगवान, हारे का सहारा आदि खाटू श्याम के नाम हैं। खाटू श्याम को वर्तमान समय का यानी की कलियुग का भगवान माना जाता है। ऐसे में भक्त खाटू श्याम के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं। मान्यता के मुताबिक जिस पर खाटू श्याम की कृपा हो जाती है, वह व्यक्ति जीवन में कभी परेशान नहीं रहता है।

आपको बता दें कि खाटू श्याम का संबंध श्रीकृष्ण और महाभारत काल से जुड़ा है। पांडवों में से भीम के परपोते बर्बरीक भगवान श्रीकृष्ण का बहुत बड़ा भक्त था। उन्होंने श्रीकृष्ण के प्रति अपना प्रेम दिखाने के लिए अपना सिर काटकर बलिदान कर दिया था। इस बलिदान से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को आशीर्वाद दिया कि कलियुग में उनकी श्याम नाम से पूजा होगी।

ऐसे में जो व्यक्ति सुबह-शाम खाटू श्याम की आरती श्रद्धाभाव और पूरे मन से गाता है, उस पर बाबा की कृपा बरसती है। खाटू श्याम के भक्त जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का साहस से सामना करते हैं और लोगों के बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। इसलिए लोग हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा का जयकारा भी लगाते हैं। ऐसे में अगर आप भी खाटू श्याम बाबा की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको रोजाना खाटू श्याम बाबा की आरती गानी चाहिए।

खाटू श्याम जी की आरती

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।

तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।

खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।

सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।

भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।

सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।

कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।

निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।

खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।

ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।

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