सरकार जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ करें सख्त कारवाई
प्रयागराज। केंद्र और प्रदेश सरकार माघ मेला 2022-23को जहां महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत संपन्न करवाने में लगी है वहीं दूसरी तरफ माघ मेले की संचार व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इससे हजारों संत / महात्माओंऔर लाखों कल्पवासियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि क्या यही अफसर 2024 – 25 में महाकुंभ संपन्न करवाएंगे। इन अफसरों की कार्यशैली देखने से नहीं लग रहा है कि यह लोग महाकुंभ जैसे विश्व स्तरीय आयोजन को सफल करा पाएंगे जबकि मांग मेले में ही संचार व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इससे हजारों संत ,महात्मा और लाखों कल्पवासी अपने परिजनों और आश्रम के लोगों से बात नहीं कर पा रहे हैं ।
अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महाराज ने कहा कि माघ मेले में संचार व्यवस्था को लेकर अफसर गंभीर नहीं है जिससे कि माघ मेले में संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है ।उन्होंने कहा कि इसके पूर्व जितने भी माघ मेले हुए हैं उसमें संचार व्यवस्था बेहतर रहती थी और लोगों को बातचीत करने में कोई परेशानी नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि संचार व्यवस्था ध्वस्त होने से हम लोग अपने आश्रम के लोगों और शिष्यों से बात नहीं कर पा रहे हैं । वही लाखों कल्पवासी अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं जिससे वह परेशान हैं। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विमल देव आश्रम का कहना है कि हम लोगों ने अधिकारियों से बार-बार संचार व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा था लेकिन वह लोग मामले को लेकर गंभीर नहीं है। उत्तर प्रदेश किन्नर वेलफेयर बोर्ड की वरिष्ठ सदस्य और किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्यानंद गिरि ने कहा कि संचार व्यवस्था इतनी ध्वस्त है कि हम लोग 100 मीटर की दूरी तक बात नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े के शिविर में रहने के लिए देश के कोने-कोने और विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं लेकिन उनसे संचार व्यवस्था से संपर्क नहीं हो पा रहा है जिससे हम लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। वृंदावन के सिद्ध पीठ बंशीवट के स्वामी जयरामदास महाराज का कहना है अफसर कुछ तथाकथित लोगों के पीछे दिन-रात चक्कर लगा रहे हैं लेकिन वह संत, महात्माओं और कल्पवासियों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि संचार व्यवस्था ध्वस्त होने से माघ मेला पूरी तरह से प्रभावित हो गया है लेकिन कोई भी अफसर यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि कब तक व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। स्वामी जयरामदास महाराज ने कहा कि अफसरों को भी यह नहीं मालूम है कि कोई टावर मेले में खड़ा होगा या नहीं खड़ा होगा और खड़ा होगा तो कब तक खड़ा होगा। वृंदावन के युवा संत स्वामी बृजमोहन दास बंशी महाराज का कहना है कि संचार व्यवस्था ध्वस्त होने से माघ मेला पूरी तरह प्रभावित हो गया है और लाखों लोग अपने परिजनों से बातचीत नही कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि पहले संगम पर, त्रिवेणी मार्ग पर, काली मार्ग पर, गंगोली शिवाला मार्ग और ओल्ड जीटी मार्ग पर एक – एक टावर लगते थे जिससे संचार व्यवस्था बेहतर रहती थी लेकिन इस बार एक भी टावर न लगने से संचार व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है इसे हम लोगों का पैसा भी खर्च हो रहा है लेकिन आश्रम और परिजनों से बात नहीं हो पा रहे हैं । उन्होंने कहा कि इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी रामतीर्थ दास महाराज का कहना है कि वह करीब 60 साल से माघ मेले में कल्पवास कर रहे हैं लेकिन संचार की इतनी बदतर स्थिति कभी नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस बार संचार व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है इसके लिए मेला के अफसर जिम्मेदार हैं इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ओम नमः शिवाय के पूज्य गुरुदेव का कहना है कि संचार व्यवस्था को लेकर अफसर गंभीर नहीं है अगर पहले से संचार व्यवस्था को लेकर अफसर गंभीर होते तो माघ मेले में आने वाले लाखों कल्पवासियों और संत , महात्माओं और श्रद्धालुओं को परेशानी न होती। प्रसिद्ध कथा वाचिका साध्वी राधिका वैष्णव का कहना है कि शिष्यों से बातचीत करने के लिए त्रिवेणी बांध या झूंसी की तरफ जाना पड़ता है क्योंकि संचार व्यवस्था ध्वस्त है इससे बहुत अधिक परेशानी है। आजमगढ़ के शेरकुटी के महंत स्वामी रामकृष्ण दास महराज कोल्हू नाथ महाराज भी संचार व्यवस्था को लेकर बहुत परेशान है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करके संबंधित जिम्मेदार अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतनी बदतर संचार व्यवस्था कि पहले कभी किसी भी माघ मेला और कुंभ मेले में नहीं थी। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम महाराज का कहना है कि वह लोग बेहतर संचार व्यवस्था न होने से बहुत अधिक परेशान हैं। कहा कि बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से शिष्यों से बात नहीं हो पा रही है जिससे शिष्यों को माघ मेले में लगे शिविर तक पहुंचने में बहुत परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और संबंधित अधिकारी के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिससे कि ऐसी अव्यवस्था फिर से माघ मेले और कुंभ मेले में होने पाये। जगद्गुरु स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती महराज ने भी ध्वस्त संचार व्यवस्था पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने भी दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग सरकार से की है।