महामंडलेश्वर स्वामी रामतीर्थ दास महाराज और स्वामी रामकृष्ण दास के शिविर में भागवत कथा शुरू
प्रयागराज। माघ मेला के महावीर मार्ग के आगे दाहिनी तरफ खाक चौक में महामंडलेश्वर स्वामी रामतीर्थ दास महाराज का शिविर लगा हुआ है। शिविर में आज से श्री अयोध्या धाम के आचार्य गणेश दास जी महराज की श्रीमद् भागवत कथा शुरू हो गई है। कथा के पहले दिन आचार्य गणेश दास महराज ने श्रीमद्भागवत के महत्व, रचना कैसे हुई, धुंधकारी की कथा सहित अन्य प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि माघ मास में तीर्थराज प्रयाग अर्थात संगम की रेती पर कल्पवास करते हुए श्रीमद्भागवद् की कथा सुनने से साक्षात मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इसका इतना अधिक पुण्य है कि उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। इसका लाभ हमारे पितरों को और आने वाली पीढ़ियों को भी मिलता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सनातन धर्म के प्रत्येक मानने वालों को चाहिए कि वह अपने जीवन में कम से कम एक बार तीर्थराज प्रयाग में माघ मास में कल्पवास करते हुए श्रीमद्भागवद कथा जरूर सुने। महामंडलेश्वर स्वामी रामतीर्थ दास महराज ने बताया कि शिविर में प्रतिदिन भागवत कथा दोपहर दो बजे से शाम तह बजे तक चलेगी। उधर माघ मेला के रामानंद मार्ग अ कोल्हूनाथ खालसा में मानस मधुकर कौशल किशोर मिश्रा महाराज की श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा आज से शुरू हो गयी है। आचार्य मानस मधुकर कौशल किशोर मिश्रा ने कथा के पहले दिन तीर्थराज प्रयाग, माघ मास और भागवद् कथा पर विस्तार से बात रखी। महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्ण दास जी महाराज कोल्हू नाथ खालसा शेर कुटी आजमगढ़ ने बताया कि कौशल किशोर महाराज की श्रीमद् भागवत कथा दोपहर डेढ बजे से शिविर में शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगी। कथा की पूर्णाहुति 30 जनवरी को होगी। महामण्डलेश्वर स्वामी रामकृष्ण दास महाराज ने बताया कि शिविर में हवन, पूजन और विशाल अन्नक्षेत्र पौष पूर्णिमा से शुरू हो गया है जो माघी पूर्णिमा तक चलता रहेगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में शिष्य आ रहे हैं। यह लोग मौनी अमावस्या स्नान, बसंत पंचमी स्नान और माघी पूर्णिमा स्नान के बाद अपने घरों के लिए प्रस्थान करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्ण दास महराज ने बताया कि माघ मास में तीर्थराज प्रयागराज में कल्पवास करते हुए गंगा और संगम स्नान करने, भगवद् भजन करने, सत्संग करने, हवन – पूजन करने और दान करने से साक्षात मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म जन्मान्तर और पूर्वजों को भी मोक्ष प्राप्ति होती है।