भारत में अल्पसंख्यकों से भेदभाव पर अमेरिकी रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कड़ा एतराज जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रेरित और पक्षपातपूर्ण टिप्पणी सिर्फ और सिर्फ इन रिपोर्टों की विश्वसनीयता को कम करने का काम करती हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की सालाना रिपोर्ट में भारत पर की गई टिप्पणियां सच्चाई से परे हैं। बागची ने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि ऐसी रिपोर्टें गलत सूचना और त्रुटिपूर्ण समझ पर आधारित हैं।
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत के खिलाफ उगला जहर
इससे पूर्व अमेरिकी विदेश विभाग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी वार्षिक रिपोर्ट के हवाले से अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत के विरुद्ध फिर जहर उगला। अधिकारी ने अमेरिका का दोहरा रवैया जताते हुए दावा किया कि भारत में अब भी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव जारी है। अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर भारत के अलावा रूस, चीन व सऊदी अरब समेत कई देशों पर निशाना साधा है।
रशद हुसैन ने भारत सहित दुनिया के कई देशों पर लगाया आरोप
अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के राजदूत रशद हुसैन ने सोमवार (स्थानीय समय) को प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि भारत सहित दुनिया के कई देशों में अब भी अल्पसंख्यक समूहों को लक्षित किया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन द्वारा जारी रिपोर्ट के बारे में उन्होंने दावा किया कि इसमें करीब 200 देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर तथ्य आधारित जानकारी दी गई है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के अध्यक्ष नूरी टकेल ने कहा कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य पूरी दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को बढ़ावा देना है।