भगवान के नाम का स्मरण मात्र ही समस्त पुण्यों का प्रतिफल- डा. पाराशर शास्त्री

प्रतापगढ़। जिले के फतेशाहपुर मे हो रही श्रीमद्भागवत कथा मे गुरूवार को श्रद्धालुओं का उत्साहजनक समागम दिखा। कथाव्यास राष्ट्रीय संत डा. श्यामसुंदर पाराशर शास्त्री जी ने कहा कि यज्ञ जैसा महान कार्य श्रद्धा के अभाव मे कभी पूर्ण नही हो सकता। अभिमान का भूखा व्यक्ति सम्मान न देखकर वह देखता है कि मेरा किसने सम्मान नही किया। डा. पाराशर जी ने कहा कि कोई भी धर्मानुष्ठान अथवा कथा किसी को अपमानित करने के लिए किया जाता है तो वह सफल नही होता और उस यज्ञ मे श्रद्धा स्वरूप सती को भस्म होना पड़ता है। उन्होने कहा कि कथामृत श्रवण करते रहना चाहिए, यही प्रभु चरित्र से हमे शिक्षा मिलती है। उन्होने कहा कि भगवान के नाम का स्मरण किसी भी तरह किया जाय वह पापराशि को समाप्त करते है। कथा के दौरान भजन व संकीर्तन मे भी श्रद्धालुओं ने श्री राधेकृष्ण नाम के जाप का आनंद उठाया। कथा के संयोजक तीर्थराज शुक्ल व डा. विनय द्विवेदी ने डा. पाराशर का श्रद्धालुओं की ओर से श्रीअभिषेक किया। इस मौके पर प्रवीण कुमार पाण्डेय, पंकज शुक्ल, श्यामकिशोर शुक्ल, पं. विद्याशंकर पाण्डेय, रावेन्द्र नाथ मिश्र, शिवशंकर शुक्ल, आत्माराम पाण्डेय, बृजकिशोर त्रिपाठी, रामकिशोर पाण्डेय, सुरेंद्र मिश्र, अंशू मिश्र, शिवशंकर शुक्ल, अमर कुमार त्रिपाठी आदि रहे। 

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