बांग्लादेश के खिलाफ भारत की हार पर बोले राहुल- मैंने अंत तक बल्लेबाजी की होती तो नतीजा कुछ और होता

केएल राहुल ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले वनडे में भारत की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि अगर उन्होंने अंत तक बल्लेबाजी की होती तो 30-40 रन और बना सकते थे। इस स्थिति में बांग्लादेश की टीम पर दबाव ज्यादा रहता और मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था।

भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज के आखिरी मैच में टीम इंडिया को एक विकेट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में लोकेश राहुल ने मेंहदी हसन मिराज का अहम कैच छोड़ा और भारत की हार के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया गया। राहुल ने भी हार की जिम्मेदारी ली, लेकिन कैच की बजाय अपनी बल्लेबाजी को लेकर उन्होंने निराशा जाहिर की।

भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ अहम मौके पर दो कैच छोड़े। इसका फायदा उठाकर मेहदी हसन मिराज और मुस्तफिजुर रहमान ने 10वें विकेट के लिए 51 रन की नाबाद साझेदारी कर भारत से मैच छीन लिया। यह लक्ष्य का पीछा करते हुए 10वें विकेट के लिए चौथी सबसे बड़ी साझेदारी थी, जिसमें कोई टीम मैच जीती है।

73 रनों की पारी खेलने वाले राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा “आदर्श रूप से मुझे अंत तक 30-40 और रन बनाने थे। अगर मैं अंत तक बल्लेबाजी करता तो मेरा अनुमान था कि 230-240 का स्कोर बनेगा। (मोहम्मद) सिराज मेरे साथ अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, इसलिए अगर मैं 10 ओवर और बल्लेबाजी कर सकता था और 30-40 रन बना सकता था, तो इससे फर्क पड़ सकता था।”

शाकिब अल हसन के पांच इबादत हुसैन के चार विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को झकझोर दिया। भारतीय बल्लेबाज इस मैच में फेल रहे। टीम इंडिया 42 ओवर में 186 रन पर सिमट गई। हालांकि, केएल राहुल के अर्धशतक के चलते टीम इंडिया 200 के आसपास का स्कोर बना पाई। अगर राहुल भी फेल होते तो टीम इंडिया 100 रन के अंदर सिमट सकती थी।

186 रन के स्कोर का बचाव करते हुए भारत के गेंदबाजों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 40 ओवर के अंदर 136 रन पर बांग्लादेश के नौ विकेट गिरा दिए। मोहम्मद सिराज ने तीन विकेट लिए, जबकि कुलदीप सेन और वाशिंगटन सुंदर ने दो-दो विकेट लिए। हालांकि, मेहदी और मुस्तफिजुर ने भारत को आखिरी विकेट नहीं लेने दिया और मेजबान टीम को 24 गेंद शेष रहते जीत दिलाई।

अपनी व्यक्तिगत बल्लेबाजी पर बात करते हुए, केएल राहुल ने कहा “यह उन दिनों में से एक था, जहां हर किसी में से, मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं गेंद को बेहतर तरीके से टाइम कर रहा था। मैंने जो भी शॉट हवा में खेले, वह सौभाग्य से वह सीमा रेखा के पार गए। हर विकल्प जो मैंने चुना वह मेरे पक्ष में गया।

राहुल बोले “सारी तैयारी मैच से पहले होती है, इसलिए इस तरह की पारियों से काफी खुश होते हैं। एक बल्लेबाज के रूप में वास्तव में आपको खुशी मिलती है, क्योंकि आपको चुनौती दी जाती है और जब आपकी टीम को आवश्यकता होती है तो आपको वास्तव में अपना हाथ ऊपर रखना होता है, इसलिए मैंने अपनी बल्लेबाजी का आनंद लिया।”

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