प्रयागराज के फार्मासिस्ट का विधान परिषद में उठा मामला

20 साल से एक ही जनपद में नौकरी, कई बार ट्रांसफर लेकिन नहीं गए
प्रयागराज। सुरेश कुमार यादव भले ही चीफ फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हों लेकिन उनका जलवा किसी CMO से कम नहीं है। पिछले 20 वर्षों से एक ही जनपद में जमे रहे। प्रयागराज का सीएमओ चाहे जो रहा हो लेकिन इस फार्मासिस्ट का जलवा यूं ही बना रहा। यहां तैनात सभी सीएमओ के चहेते रहे सुरेश यादव का ट्रांसफर कई बार गैर जनपद के लिए हुआ लेकिन सीएमओ की मेहरबानी रही सुरेश यादव यहीं पर जमे रहे। पिछले दिनों सदन में भी इस फार्मासिस्ट की चचाएं हुई। एक MLC ने सदन को इस प्रभावशाली फार्मासिस्ट के बारे में बताया और हमीरपुर जनपद के लिए ट्रांसफर होने के बावजूद न जाने की बात भी कही। इसके मामला तूल पकड़ा लेकिन सीएमओ की मेहरबानी एक बार फिर इस फार्मासिस्ट पर पड़ी। विभाग के लोग ही इस फार्मासिस्ट को “करोड़पति फार्मासिस्ट” कहते हैं। सीएमओ के खास होने के कारण विभाग के दूसरे अधिकारी व कर्मचारी उसका विरोध भी नहीं कर सकते हैं। बताते हैं कि सपा सरकार में भी इनकी अच्छी पैठ थी और भाजपा में भी।
BJP के विधान परिषद सदस्य ब्रजेश सिंह प्रिंसू ने नौ अगस्त 2023 को सदन में प्रयागराज के फार्मासिस्ट सुरेश कुमार यादव का मामला उठाया। उन्हाेंने कहा “ स्थानांतरण सत्र में स्थानांतरित कार्मिकों को शासन द्वारा किए गए स्थानांतरण के फलस्वरूप स्थानांतरित स्थल पर योगदान प्रस्तुत कर जन सामान्य के कार्यों का निस्तारण करना होता है। 30 जून 2022 को जारी आदेश के क्रम संख्या 99 पर अंकित प्रयागराज के चीफ फार्मासिस्ट सुरेश कुमार यादव का ट्रांसफर हमीरपुर जनपद के लिए किया गया था। लेकिन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से फार्मासिस्ट को कार्यमुक्त नहीं किया गया जो जांच का विषय है। यह स्थानांतरण नीति का उलंघ्घन है। तत्काल फार्मासिस्ट को प्रयागराज से हमीरपुर भेजते हुए इस मामले में जांच कराई जाए”। एमएलसी ने जब मामला सदन में उठाया तो विभाग हरकत में आया। जब शासन ने अपर निदेशक व सीएमओ प्रयागराज को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया तो सीएमओ की ओर से एक जवाब भेज दिया गया। जब शासन ने सीएमओ से जवाब मांगा तो उन्होंने कोरोना के एक आदेश का हवाला दिया। सीएमओ ने लिखा “सात अप्रैल 2021 को उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्देशित किया जाता है कि जनपदीय औषधि भंडार गृह में संबद्ध फार्मासिस्टों को बगैर प्रबंध निदेशक, मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड के संज्ञान में लाए न हटाया जाए और न ही स्थानांतरित किया जाए।” वर्तमान सीएमओ डॉ. आशु पांडेय ने कोरोना काल के इस पत्र को जोड़ते हुए जवाब शासन को भेज दिया गया।
फार्मासिस्ट सुरेश यादव का प्रयागराज में ही अस्पताल और मॉल भी संचालित हो रहा है। करेली में नाज हास्पिटल सुरेश यादव का है। इतना ही नहीं झूंसी में एक मॉल भी है जिसके मालिक यही फार्मासिस्ट है। आय से अधिक मामले में इसकी शिकायत एक अधिवक्ता ने शासन से की है। तत्कालीन सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. जीएस वाजपेयी, डॉ. प्रभाकर राय, डॉ. नानक सरन से लेकर वर्तमान सीएमओ तक का यह फार्मासिस्ट सबसे करीबी रहा है। इस संबंध में सीएमओ डॉ. आशु पांडेय ने बताया कि शासन से जो पत्र आया था हमनें उसका जवाब भेज  दिया है। सुरेश कुमार यादव दवा भंडार गृह में हैं, उनके स्थान पर कोई प्रशिक्षित फार्मासिस्ट नहीं है इसलिए उन्हें कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है।

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