प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जेंट मुकदमों के दाखिले और लिसिं्टग को लेकर अधिवक्ताओं की परेशानी कम नहीं हुई है। ऑनलाइन प्रक्रिया को लेकर तमाम अधिवक्ता अभी भी परेशान हैं।
अधिवक्ताओं का कहना है कि मुकदमें दाखिल करने पर रजिस्ट्री की ओर से तमाम गैरजरूरी डिफेक्ट लगा दिए जा रहे हैं। जबकि ई फाइलिंग के सभी आवश्यक निर्देशों और प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। अधिवक्ता अरविंद मिश्र का कहना है कि उन्होंने 24 अप्रैल को अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। उनको वकालतनामा, सार्टिफाइड कॉपी और हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया। चार मई को इसे दाखिल करने के बाद हाईकोर्ट द्वारा यूनीक कोड दिया गया। ई फाइलिंग के जरिए अपना केस हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने के 14 मई को रजिस्ट्री ने डिफेक्ट बताया। इसे रिमूव करने पर 18 मई को फिर से वही डिफेक्ट बता दिया गया। अधिवक्ता निर्विकल्प पांडेय, विपुल शुक्ला आदि भी ऐसी ही समस्याएं बता रहे हैं।