टिकट नहीं तो वोट नहीं, टिकट दो और वोट लो की बनी रणनीति
प्रयागराज। जय चित्रांश आंदोलन के तहत शुक्रवार को विभिन्न कायस्थ संगठनों के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता की जिसमें टिकट नहीं तो वोट नहीं, टिकट दो और वोट लो की रणनीति पर सहमति बनी। इसी रणनीति के तहत आगामी 28 नवंबर को रामबाग रेलवे स्टेशन के सामने सेवा समिति विद्या मंदिर परिसर में एक विशाल कार्यकर्ता बैठक व उसके बाद विशाल रैली का भी आयोजन किया जायेगा।
धीरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जय चित्रांश आन्दोलन कोई संस्था अथवा संगठन नही हैं अपितु आम कायस्थ तथा विभिन्न कायस्थ संस्थाओं की भावनाओं को अभिसिंचित करने वाला एक विचार है , जो सम्पूर्ण देश विशेष तौर से उत्तर प्रदेश में कायस्थ समाज को संगठित करने के लिए कायस्थ स्वाभिमान संघर्ष कर रहा है ।
कायस्थ एक बड़ा वोट बैंक है लेकिन इसे उचित अधिकार से वंचित करने का निरन्तर प्रयास किया जाता रहा है ।
जितेंद्र वर्मा ने कहा कि कायस्थों के उपर एक दल विशेष को वोट देने का आरोप केवल बिखरे स्वरूप में मतदान करने , शिक्षित , सहनशील और सहयोगी स्वभाव के होने के कारण लगता रहा है। अब कायस्थ समाज ने पूरी तैयारी कर ली है कि जो भी राजनैतिक दल कायस्थ समाज के जनता से जुड़े हुए अपने दल के कायस्थ नेता को टिकट देगा हम संगठित होकर उसे वोट करेगें । हमे इस बात का अहसास है कि उत्तर प्रदेश की 36 विधानसभाओ पर कायस्थ समाज सीधे जीतने की स्थिति में है तथा सैकडो विधानसभाओ में हम किसी दल विशेष को हराने के भी स्थिति में है ।
दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पिछली बैठकों में टिकट नहीं तो वोट नहीं की नीति पर विचार हुआ और यह निर्णय हुआ कि जिन विधानसभा क्षेत्रो मे हमारी संख्या अधिक है वहां राजनैतिक दलो द्वारा टिकट न देने पर हमारे समाज के लोग मिल कर अपना प्रत्याशी लड़ायेगे । कायस्थ बिरादरी को भी संख्या बल के आधार पर राजनैतिक भागीदारी चाहिये। जो भी राजनैतिक दल हमारे समाज कि उपेक्षा करेगा हम लोग मिलकर चुनाव में उस दल के प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करेगे व करवायेगें ।
वार्ता में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, श्री चित्रगुप्त वंशज सभा, जय चित्रांश कल्याण समिति, सक्सेना सभा, कमला प्रसाद सोसाइटीज आफ इंडस्ट्रियस फैमिली के पदाधिकारी सहित प्रशान्त श्रीवास्तव, गोविन्द खरे, जितेन्द्र वर्मा, श्रीमती रतन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।