अवर अभियंता और ईओ पर बिल बनाने का दबाव बना रहा ठेकेदार
– स्कूल-कालेज जाने वाले बच्चों को हो रही दिक्कत, सीएम से शिकायत
प्रयागराज। नगर पंचायत प्रशासन ने पावर हाउस और डिग्री कालेज को जाने वाले मार्ग पर खड़ंजा निर्माण क्या कराया। मार्ग पर बिछाए गए ईंटों में इतनी दूरी है कि बाइक अथवा साइकिल से चलने पर सड़क वाइब्रेट कर रही है। निम्न कोटि की ईंट का प्रयोग किया जाना पहली बारिश में जगह-जगह गड्ढे और बाक्सिंग उखड़ जाना निर्माण कार्य की गुणवत्ता को साफ दर्शाता है। गुणवत्ता को लेकर नगर प्रशासन ने नोटिस जारी किया तो ठेकेदार फरार हो गया। अब वह अवर अभियंता पर बिल बनाने और ईओ चेयरमैन पर भुक्तान कराने के लिए दबाव बना रहा है। नगर के संभ्रांत लोगों ने प्रदेश के सीएम को शिकायती पत्र भेजकर घटिया खड़ंजा निर्माण की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग किया है।
जनसुविधा को देखते हुए नगर पंचायत लालगोपालगंज ने वार्ड संख्या-11 स्थित जेठवारा मार्ग से पावर हाउस होकर मेवालाल डिग्री कालेज तक टेंडर के माध्यम से करीब 14 लाख रुपए की लागत से खड़ंजा निर्माण कार्य कराया था। बताया जाता है कि निर्माण के आरंभ से ही आगणन के अनुसार कार्य नहीं किया गया। ठेकेदार ने न तो ब्रिक ब्लास्ट का प्रयोग किया, और नहीं लोकल सैंड का उपयोग किया गया। ठेकेदार द्वारा घटिया किस्म की ईंट का प्रयोग कर खड़ंजा निर्माण करा कर खानापूर्ति कर दिया गया। मानक विहीन निर्माण कार्य की शिकायत की गई तो मामले का खुलासा हुआ। अधिशासी अधिकारी संतोष वर्मा अवर अभियंता के साथ मौके पर जाकर मानक की जांच किया। गुणवत्ता विहीन कार्य को देख ईओ ने संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी कर मार्ग से घटिया ईंट को हटाकर आगणन के अनुसार निर्माण कराने का निर्देश दिया। नोटिस जारी होने के बाद न तो निर्माण कार्य ठीक किया गया, और न ही अधिकारी के आदेश का पालन हुआ। आरोप है कि ठेकेदार कार्य छोड़कर फरार है। अब आलम यह है कि पहली बरसात में सड़क की ईंटें गलने लगी है। जगह-जगह गड्ढे और मार्ग को दोनों ओर की बाक्सिंग क्षतिग्रस्त हो कर टूट गई है। कालेज जाने वाले छात्रों का आरोप है कि खड़ंजा बिछाने में दो ईंटो के बीच इतनी अधिक दूरी है कि बाईक अथवा साइकिल से चलने पर सड़क वाइब्रेट करती है। घटिया निर्माण को लेकर स्थानीय नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है। कस्बा के संभ्रांत लोगों ने सूबे के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच कराए जाने एवं मानक विहीन कार्य को श्रमदान घोषित करने की मांग किया है।