गंगा दशहरा के दिन मां गंगा में स्नान करने से और कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। लेकिन गंगा दशहरा के दिन व्यक्ति को गंगाजल से जुड़े कुछ नियमों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं- गंगाजल से जुड़े इन नियमों का करें पालन शास्त्रों में बताया गया है कि गंगाजल को सोने के स्थान पर, रोसोई घर में या खाने के स्थान पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही इसे किसी अंधेरी जगह पर भी रखने से बचना चाहिए। ऐसा करने से पवित्रता समाप्त होने लगती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गंगाजल को हमेशा पवित्र स्थान अर्थात मंदिर में रखना चाहिए, ऐसा करने से जल की पवित्रता बनी रहती है और इससे जल अशुद्ध भी नहीं होता है। गंगाजल का स्पर्श कभी भी गंदे हाथों से नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक उर्जा का विस्तार होता है। इसलिए गंगा का स्पर्श करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। व्यक्ति को गंगाजल का स्पर्श सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त ग्रहण के बाद घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का प्रयोग करना चाहिए। गंगा दशहरा 2023 तिथि वैदिक पंचांग में बताया गया है कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 30 मई को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर होगा। गंगा दशहरा पर्व के लिए उदया तिथि के अनुसार दिन तय किया जाता है, ऐसे में यह पर्व 30 मई 2023, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

पति-पत्नी का रिश्ता बेहद अनमोल होता है। इस रिश्ते में एक पल प्यार होता है, तो दूसरे पल तकरार भी होती है। कुल मिलाकर कहें तो खट्टा-मीठा जैसा अनुभव रहता है। इसके लिए बड़े लोग हमेशा कहते हैं ‘शादी का लड्डू जो खाये सो पछताये, जो ना खाये वो भी पछताये’। छोटी-मोटी तकरार तो सामान्य बात है, लेकिन लंबे समय तक अनबन पति-पत्नी के रिश्ते के लिए सही नहीं है। जानकारों की मानें तो किसी भी रिश्ते में हमेशा तकरार होना आने वाले भविष्य के लिए सही नहीं होता है। इससे रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं। एक समय बाद दोनों एक दूसरे को नापसंद करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में सेपरेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए समय से पूर्व ही उपाय करना फायदेमंद होता है। वास्तु शास्त्र में पति-पत्नी के रिश्ते को मधुर बनाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करने से रिश्ते मधुर हो जाते हैं। आइए जानते हैं-

करें ये आसान उपाय

– पति-पत्नी के झगड़े को दूर करने के लिए देवों के देव महादेव और माता पार्वती की नियमित रूप से पूजा करें। पूजा के समय घी का दीपक जलाकर रिश्ते मधुर हेतु कामना करें। इस उपाय को करने से पति-पत्नी के बीच तकरार नहीं होती है। अगर आपके पास पर्याप्त समय है, तो शिव चालीसा का पाठ करें।

– शुक्रवार का दिन मां दुर्गा और लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मंदिर जाकर मां लक्ष्मी को गुलाब का फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। साथ ही सफेद रंग की मिठाई माता को भेंट करें। इस उपाय को करने से रिश्ते मधुर होते हैं।

– पति-पत्नी के रिश्ते मधुर करने के लिए गुरुवार के दिन हल्दी की गाठों को पीले रंग के कपड़े में बांध दें। इसके पश्चात हाथ में रख ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करें। अब हल्दी भगवान विष्णु को अर्पित कर दें।

– अगर पति-पत्नी के बीच लंबे समय से अनबन है, तो रोजाना रात में सोते समय सिरहाने पर कपूर रखें। आप चाहे तो तकिए के नीचे भी कपूर रख सकते हैं। अगली सुबह कपूर को जला दें। इस उपाय को करने से रिश्ते मधुर होते हैं।

-विवाहित महिलाओं को वायव्य कोण में नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में सोने से वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है। साथ ही धन के देवता कुबेर भी अप्रसन्न हो जाते हैं।

– वास्तु शास्त्रों की मानें तो बेड पर पति को दाएं तरफ और पत्नी को बाएं तरफ सोना चाहिए। इससे रिश्ते मधुर रहते हैं।

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