प्रयागराज । केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन वर्तमान में, सम्पूर्ण भारत में 9 परियोजनाओं-अम्बाला, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, सिकंदराबाद एवं बेंगलुरु के माध्यम से भारतीय रेल के ब्रॉड गेज रूटों को विद्युतीकरण करने का कार्य मिशन मोड पर कर रहा है ।
भारत में प्रथम सवारी गाड़ी का शुभारम्भ मुम्बई से ठाणे के मध्य 16 अप्रैल 1853 को हुआ था। इसी ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने हेतु प्रयागराज स्थित केन्द्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन प्रति वर्ष अप्रैल माह में रेल सप्ताह समारोह का आयोजन करती है। जिसमें पिछले वर्ष के दौरान श्रेष्ठत्तम उपलब्धियों को हासिल करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महाप्रबन्धक द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। कोविड महामारी के कारण इस वर्ष इसके आयोजन में विलम्ब हुआ पर 30 जून को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज में इसका धूमधाम से आयोजन किया गया।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक कोर अरुण कुमार, द्वारा सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 अधिकारियों एवं 57 कर्मचारियों को महाप्रबन्धक पुरस्कार प्रदान किये गये। इसके अतिरिक्त विभिन्न परियोजनाओं को शील्ड भी प्रदान की गई। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसे सभी ने खूब सराहा।
समारोह के प्रारम्भ में महाप्रबन्धक एवं अध्यक्षा महिला कल्याण संगठन श्रीमती नीलिमा कटियार को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर कोर के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा परियोजनाओं के मुख्य परियोजना निदेशक और सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इस समारोह में सम्मलित हुए ।
महाप्रबन्धक ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2021-22 में कोर को विद्युतीकरण के लिए एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य मिला था जिसे स्वीकार करते हुए कोविड महामारी के बावजूद कोर ने 4277 रूट किलोमीटर विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त किया। इस दौरान सुल्तानपुर-अयोध्या कैंट और बाराबंकी-अयोध्या कैंट जैसे महत्वपूर्ण खण्ड का विद्युतीकरण किया गया जिससे प्रयागराज और लखनऊ से अयोध्या तक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटक स्थल की ओर एक विद्युतीकृत मार्ग की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार महोबा-खजुराहो खण्ड का विद्युतीकरण होने से खजुराहो जैसे एक विश्व धरोहर स्थल तक सीधे विद्युतीकृत मार्ग की प्राप्ति हुई। इसके अतिरिक्त वर्ष 2021-22 में बिहार के सीतामढ़ी-रक्सौल, तमिलनाडू के पोब्लाच्चि पोलाची-पोदनूर, मध्य प्रदेश में बिरला नगर-उड़ी, उत्तर प्रदेश में आनन्द नगर-नौतनवा, गुजरात में महेसाणा-पाटन, महाराष्ट्र में कुर्डुवाडी-पांगरी, राजस्थान में ब्यावर-गुड़िया, आसाम में गुवाहाटी-जागी रोड, कर्नाटक में यशवंत पुर-तुमकूर जैसे महत्वपूर्ण सेक्शनों का विद्युतीकरण किया गया।
पुरस्कार वितरण के क्रम में सर्वप्रथम सभी व्यक्तिगत पुरस्कार तथा बाद में शील्ड वितरण के क्रम में सर्वोत्तम परियोजना शील्ड–लखनऊ परियोजना को, सर्वोत्तम परियोजना (दूसरी)-सिकंदराबाद परियोजना, विशेष उपलब्धि-चेन्नई परियोजना, बिजली शील्ड-लखनऊ परियोजना, सिग्नल एवं दूरसंचार शील्ड-सिकंदराबाद परियोजना, भण्डार एवं इंजीनियरीग की शील्ड-लखनऊ परियोजना, लेखा विभाग की शील्ड-सिकंदराबाद परियोजना, कार्मिक विभाग की शील्ड–बेंगलुरु परियोजना एवं राजभाषा की शील्ड–अम्बाला परियोजना को प्रदान की गई।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक ने कहा कि हम सभी रेल कर्मियों को भारतीय रेल की 169 वर्षों की गरिमामयी विकास यात्रा पर अत्यंत गर्व है। इन वर्षों में रेलवे ने समय के साथ परिवर्तन करते हुए एक लम्बी यात्रा तय की है। हर प्रकार की नई तकनीकी द्वारा अपने को विद्युतीकरण के कार्य में परिमार्जित एवं अद्यतन किया है । विद्युतीकरण को प्रगति के इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए हमारे सभी कर्मठ रेल कर्मियों ने हर परिस्थिति में अतुलनीय तथा अथक योगदान दिया है। रेल विद्युतीकरण के सभी रेल कर्मियों द्वारा किये गये उल्लेखनीय योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हेतु आज इस वार्षिक रेल समारोह के अवसर पर हम अपने कर्मठ तथा प्रतिबद्ध रेल कर्मियों को उनके द्वारा निष्पादित उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित करने हेतु एकत्रित हुए है। इन पुरस्कृत अधिकारियों व कर्मचारियों से अपेक्षा है कि भविष्य में इनके कार्य-निष्पादन व प्रयासों में और भी निखार आयेगा मुझे विश्वास है कि इन सम्मानित रेल कर्मियों से इनके सहकर्मी प्रेरित होंगे तथा अपने कार्य-क्षेत्र में उच्चतम सोपान प्राप्त करने हेतु प्रयास करेंगे।
वर्ष 2021-22 के प्रारम्भ में विद्युतीकरण के लिए निर्धारित लक्ष्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, फिर भी रेल विद्युतीकरण के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने एक जुट होकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। इसमें कर्मचारी यूनियन तथा अधिकारी फेडेरेशन का सहयोग भी प्रशंसनीय रहा है । महिला समिति द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों व उनके आश्रितों के प्रोत्साहन हेतु किये गए कार्य भी सराहनीय रहे। अन्त में सभी रेल कर्मियों का कोविड महामारी जैसी विषम परिस्थिति में दिए गए योगदान की प्रशंसा की और कहा की मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सभी आपसी समन्वय से भविष्य में भी लक्ष्य को प्राप्त कर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे तथा राष्ट्र के विकास यात्रा में अपना अमूल्य योगदान देंगे।