मीरजापुर। मड़िहान तहसील क्षेत्र में रोज काम कर परिवारों का भरण पोषण करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की कमर टूट रही है। गरीबों के घरों में खाद्य पदार्थ की कमी पड़ने लगी।खाने पीने की समान की आपूर्ति के अभाव में कस्बा व गांवों की दुकानें भी धीरे धीरे बंद होने की कगार पर हैं। आवश्यक समान के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है। चावल, आंटा, आलू सब्जी तेल इत्यादि धड़ल्ले से महंगे रेट पर बिक रहा है। कोरोना वायरस की लड़ाई में इक्का दुक्का घटना को छोड़कर आमजन का सहयोग मिल रहा है। सरकार के आदेश निर्देश पर कानून का पालन कराने के लिए प्रशासनिक व चिकित्सकीय विभाग को पसीना छूट रहा है।
आदर्श तहसील मड़िहान क्षेत्र की सत्तर प्रतिशत आबादी खेतिहर मजदूर है। मजदूरी से जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों के सामने भोजन के लाले पड़ सकते हैं। समय रहते सरकार को ध्यान में रखना पड़ेगा। क्षेत्र के सैकड़ो मजदूर प्रतिदिन काम की तलाश में मीरजापुर मुख्यालय जाते थे। नक्सल प्रभावित तहसील क्षेत्र के राजगढ़ व पटेहरा विकास खण्ड क्षेत्र में 30 हजार से ऊपर जाबकार्ड धारक हैं।कार्डधारकों के घर मे 21 दिनों की खाद्य सामग्री उपलब्ध नही है। गरीब परिवारों को भविष्य की चिंता सताने लगी है कि आगे पालन पोषण कैसे चलेगा।