विमलेश मिश्र
प्रयागराज! नेशनल वर्किंग अध्यक्ष ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशनर एशोसिएशन सुभाष चंद्र पांडे ने बताया कि 22 मई को देशव्यापी विरोध दिवस मनाएगा ।कनफेडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाई एंड वर्कर नई दिल्ली के आह्वान पर केंद्र सरकार कर्मचारियों तथा मजदूर विरोधी भारत सरकार की कर्मचारी तथा आम जनता विरोधी नीतियों एवं निर्णय के विरोध में 1 दिन का विरोध दिवस मनाएगा। पांडे जी ने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय मजदूर संगठनों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। कि कोरोना की आड़ में सरकार मजदूर कर्मचारी किसान एवं आम जनता विरोधी निर्णय लिए जा रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पुरजोर विरोध करेंगे कानफैडरेशन के महामंत्री कामरेड आर एन पाराशर ने कहा कि भारत सरकार ने सरकारी कार्यालयों जैसे- डिफेंस प्रोडक्शन, स्पेस रिसर्च, पावर, सिविल एविँमशन कॉल तथा मिनिरल का अभि नियमन करना तथा निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। बहुत सारी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को भी निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है। जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं यह कार्य सरकार कोरोना कि इस समय में कर रही है। जब पूरा देश कोरोना महामारी से पीड़ित है ।नौकरिया खत्म हो चुकी है अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है। और इस लाचारी की अवस्था में सरकार अपना राजनीतिक एजेंडा लागू करने में जुटी है। सुभाष चंद्र पांडे ने कहा कि स्थानीय स्तर पर इलाहाबाद में भी विरोध दिवस मनाया जाएगा ।यह भी निर्णय लिया गया है।कि कोरोना लॉकडाउन खत्म होने पर और देश में स्थिति सामान होने पर आंदोलन को मजबूत कर सरकार को सभी देश विरोधी निर्णय वापस लेने के लिए बाध्य किया जाएगा।