अपराधियों की नजर से बच गई मासूम बच्ची
प्रयागराज। औद्योगिक थाना क्षेत्र के मियां का पूरा गांव में मंगलवार की रात मां-बेटी की गला रेतकर हत्या कर दी गई। अपराधी उसके पति को घायल करने के बाद फरार हो गए। लेकिन अपराधियों की नजर से छह वर्षीय बच्ची बच गई। बुधवार की सुबह सूचना पर पहुंची पुलिस घायल को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया है। मां-बेटी का शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। परिवार के सदस्यों की तहरीर पर गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
औद्योगिक के मिया का पूरा गांव निवासी बजरंग बहादुर ५५वर्ष खेती करके पत्नी प्रेमा देवी ५०वर्ष, १८ वर्षीय बेटी तनू एवं पोती अंशिका पुत्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर का भरण -पोषण करता है। बताया जा रहा है कि मंगलवार की रात बजरंग बहादुर का परिवार भोजन करने के बाद आराम करने लगा। अपराधी रात में पहुंचे बजरंग बहादुर एवं उसकी पत्नी प्रेमा देवी पर धादार हथियार से हमला कर दिया। इस दौरान वहीं पास में सो रही बजरंग बहादुर की पोती अंशिका अपराधियों की नजर से बच गई। दूसरी कमरे में सो रही बजरंग बहादुर की बेटी तनू की भी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। बुधवार आस-पास के लोगों की आहट पाकर अंशिका चीखती हुई घर से भागी तो बजरंग बहादुर के भाई के घर वालों ने उसकी चीख सुनकर वहां पहुंचे तो सभी खून से लहूलुहान पड़े थे। वारदात की सूचना तत्काल पुलिस को दी। सूचना पर औद्योगिक थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और वारदात की खबर अधिकारियों को दी। मां-बेटी की हत्या की खबर मिलते ही डीआईजी एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी समेत आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस घर में दाखिल होते ही बजरंग बहादुर की सांस चलती देखा तो तत्काल उसे उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया।
बजरंग बहादुर के बेटे चन्द्रशेखर की दो वर्ष पूर्व रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। जिसके बाद चन्द्रशेखर की पत्नी सलोनी अपनी बेटी अंशिका को छोड़कर मायके चली गई और दूसरी शादी कर ली है।
उक्त जानकारी देते हुए मृतक के भतीजे ने आरोप लगाया है कि हत्या की वजह पुरानी रंजिश है। गांव के ही महेश नारायण, आकाश, नवनील, समेत पांच लोगों ने वारदात को अंजाम दिया है। वारदात के बाद सुबह घर छोड़कर सभी फरार हो गए। हत्या की वजह यह है कि वर्ष २०१९ में बजरंग बहादुर के घर पास गांव के ही नवनीत नाम युवक की हत्या कर दी गई थी। जिसमें बजरंग बहादुर के भतीजे श्रीकृष्ण को पुलिस ने आरोपित मानते हुए गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। उक्त मुकदमें की पैरवी बजरंग बहादुर करते थे। इसी मामले को लेकर विरोधी महेश नारायण एवं उनके परिवार के लोग धमकी दिया करते थे। लेकिन बजरंग बहादुर भतीजे के मुकदमें की पैरवी कर रहा है।
–बजरंग बहादुर के भाई की भी १९९६ में की गई थी हत्या
बजरंग बहादुर के परिवार में काफी दिनों से रंजिश चली आ रही है। वर्ष १९९६ में बजरंग बहादुर के भाई राम नरेश की गांव के ही जंगी आदि ने हत्या कर दी थी। गांव के ही महेश नारायण के परिवर से तब से अबतक रंजिश बनी हुई है। अपर पुलिस अधीक्षक यमुनापार सौरभ दीक्षित कहना है कि हत्या की वजह पुरानी रंजिश है। मृतिका के भतीजे ने गांव के ही कुछ लोगों पर नामजद तहरीर दी है। मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है।