ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए योग अभ्यास बहुत ज़रूरी-डॉ. ऋचा मिश्रा

प्रयागराज ।
योग, एक प्राचीन अभ्यास जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी, आज दुनिया भर में एक जाना-पहचाना शब्द है। जिन लोगों ने इस अभ्यास का अनुभव किया है, वे विश्राम और समग्र बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य के इसके लाभों से परिचित हो सकते हैं। धर्मा अ लर्निग फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. ऋचा मिश्रा  ने बताया की “सांस लेने की रणनीतियों और योग मुद्राओं का संयोजन एएसडी वाले बच्चों को न केवल चिंता को कम करने में सहायता कर सकता है, जो सीधे मूड और व्यवहार को प्रभावित कर सकता है, बल्कि एएसडी वाले बच्चों को आत्म-नियमन और मुकाबला कौशल विकसित करने में भी सहायता कर सकता है। डॉ. ऋचा मिश्रा  ने बताया की ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को नियमित योगाभ्यास से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:मोटर कौशल, मुकाबला कौशल और विश्राम, व्यक्तित्व में आत्मविश्वास,शरीरिक जागरूकता
धर्मा अ लर्निंग फाउंडेशन द्वारा न्यूरो डायवर्स किड्स का थेरेपी, आटिज्म ए.डी. एच.डी., सी.पी. डाउन सिन्ड्रोल, लर्निंग डिस्बिलिटी एवं मानसिक विकार, शारीरिक विकार का उपचार प्रख्यात विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। साथ ही बच्चों पर विशेष निरीक्षण एवं माता-पिता को भी जागरूक करने का भी कार्य किया जाता है।

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