प्रयागराज। उत्तर मध्य रेलवे में 07 से 14 दिसम्बर तक राष्ट्रीय उर्जा संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत आज 13.12.2021 को महाप्रबन्धक कार्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर आधारित उर्जा संरक्षण प्रदर्शनी का अयोजन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारम्भ उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रंबधक प्रमोद कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया। प्रदर्शनी का आयोजन विभिन्न उर्जा संरक्षण के उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से किया गया था।
प्रदर्शनी में उत्तर मध्य रेलवे के विद्युत विभाग द्वारा उर्जा संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को प्रदर्शित किया गया। इसमें विभागीय स्टालों के अलावा फिलिप्स, बजाज, हैवल्स, सिस्का,
प्रदर्शनी में रेलवे कर्मचारियों द्वारा नुक्कड नाटक के माध्यम से लोगो को उर्जा संरक्षण के प्रति जागरुक किया गया। इस अवसर पर जनजागरूकता प्रसारित करने के उद्देश्य से महाप्रबंधक महोदय ने उर्जा संरक्षण के संदेश युक्त गुब्बारों को हवा में छोड़ा।
प्रदर्शनी का अयोजन विद्युत विभाग के प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर सतीश कोठारी जी के मार्ग निर्देशन में किया गया।
उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में प्रदर्शनी के बाद ऊर्जा संरक्षण उपायों के विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एमएनएनआईटी, प्रयागराज के प्रोफेसर राजेश गुप्ता अतिथि वक्ता थे। श्री गुप्ता ने सेमिनार को संबोधित करते हुए देश के वर्तमान बिजली परिदृश्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने नवीकरणीय और गैर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के ब्रेक-अप के साथ स्थापित बिजली क्षमता के बारे में भी बताया। श्री गुप्ता ने भारत और दुनिया भर में ऊर्जा परिदृश्य के भविष्य के बारे में आगे बताया और कहा कि इसमें नवीकरणीय उर्जा स्रोतों से उर्जा उत्पादन के शेयर को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
इस अवसर पर बोलते हुए महाप्रबंधक ने ऊर्जा संरक्षण सप्ताह के दौरान मंडलों और कारखानों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने उत्तर मध्य रेलवे के भवनों और कार्यस्थलों पर ऊर्जा संरक्षण उपायों के लिए एनईसीए द्वारा द्वितीय पुरस्कार और यूपीईसीए द्वारा राज्य स्तर पर तीन पुरस्कार जीतने के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे उपकरण इको-सिस्टम को न्यूनतम क्षति पहुंचाने के साथ उर्जा कुशल होने चाहिए। उन्होंने रेल संचालन में अपनाए जाने वाले ऊर्जा दक्षता उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि कुशल ड्राइविंग कौशल, रीजनरेटिव ब्रेकिंग, उचित रखरखाव आदि ऊर्जा संरक्षण की कुंजी है।
सतीश कोठारी प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर ने ऊर्जा संरक्षण उपायों के बारे में एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे सन् 2030 तक नेट शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। श्री कोठारी ने उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की गई सौर पहलों के बारे में जानकारी दी गई।
सेमिनार का संचालन अनुराग गुप्ता, सीईजीई/एनसीआर द्वारा किया गया। संगोष्ठी में रंजन यादव, अपर महाप्रबंधक/ उत्तर मध्य रेलवे एवं सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे| उत्तर मध्य रेलवे के कारखानों और आगरा, प्रयागराज तथा झांसी मंडलों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वर्चुअल माध्यम से सेमिनार में भाग लिया।