प्रयागराज। इलाहाबाद संग्रहालय एवं डा. जगदीश गुप्त गीतांजलि संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में ‘आचार्य तूलिका 2020’ अखिल भारतीय आचार्य तूलिका चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन शुक्रवार को मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल ने इलाहाबाद संग्रहालय की कला दीर्घा में किया। विशिष्ट अतिथियों में डॉक्टर सुनील गुप्ता निदेशक संग्रहालय, डॉ ओंकार नाथ वानखेडे, प्रोफेसर रामहित त्रिपाठी, गोपाल रंजन संपादक सृजन सरोकार, कल्पना सहाय एवं डॉक्टर अभिनव गुप्त रहे।
मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर नारायण अग्रवाल
ने कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा की विदेशों में कला का व्यवसायिक रूप देखने को मिलता है जहां यह कृतियां विक्रय हेतु लगाई जाती है जबकि हमारे यहां यह स्थिति बिलकुल विपरीत है। इलाहाबाद में जिस तरह से कलाकार चित्र बना रहे निश्चित ही हमारे ही बीच से कोई पिकासो कोई माइकल एंजेलो बनेगा। ऐसी हम कामना करते हैं।
संयोजक डॉक्टर अभिनव गुप्त ने कहा इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कला शिक्षकों की प्रतिभा को विकसित करना है, ताकि वह विद्यार्थियों के सामने अपना आदर्श रूप प्रस्तुत कर सके। विशिष्ट अतिथि प्रदीप भटनागर ने विष्णु श्रीधर वाकणकर के जीवन पर प्रकाश डाला। कला प्रदर्शनी में देश भर के लगभग 80 कलाकारों के 100 चित्र प्रदर्शित लगाए गए हैं। प्रदर्शनी में मुख्य रूप से कलाकारों में सह संयोजक रवींद्र कुशवाहा एवं तलत महमूद, भूषण भारत सिंह दिल्ली, सुनील काली, काशी विद्यापीठ से सुनील विश्वकर्मा, डॉक्टर नगीना राम, एनपी श्रीवास्तव, कसीम फारुकी, राजेंद्र भारती, कावेरी विज, नीता श्रीवास्तव, नीलिमा श्रीवास्तव, ऋतुराज, युवराज वर्मा, साधना गोस्वामी सहित अन्य कलाकार शामिल है। प्रदर्शनी का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सह संयोजक तलत महमूद ने किया यह प्रदर्शनी 5 मार्च तक चलेगी।